बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर वाराणसी में मंगलवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा की जाने वाली सुनवाई में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद भी भाग लेगा। इस बारे में परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि बिजली दरों में किसी भी कीमत पर बढ़ोतरी नहीं होने दी जाएगी। बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है। इसलिए नियमानुसार बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि केस्को और मध्यांचल के बाद बनारस में बिजली दर पर होने वाली सुनवाई में कंपनियां दरों में बढोतरी की कोशिश करेंगी। 18 अगस्त को आगरा में दक्षिणांचल, 19 जुलाई को ग्रेटर नोएडा में नोएडा पावर कंपनी और 20 जुलाई को मेरठ में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम बिजली की दरों को लेकर सुनवाई करेगा। सभी बिजली कंपनियां 25 प्रतिशत तक बढोतरी करने की कोशिश में हैं।

कंपनियां बिजली की दरों में क्यों करना चाहती है बढ़ातरी?

परिषद की तरफ से इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2024- 25 में 11,203 करोड रुपये का घाटा बिजली कंपनियों को हुआ है। इसी वजह से कंपनियां बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने की कोशिश में हैं। बिजली कंपनियों के पास उपभोक्ताओं की बकाया राशि के चलते बिजली की दरों में बढ़ोतरी रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का उल्लंघन है।