दमोह ।   दमोह में कांग्रेस शासित नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ भाजपा पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्वीकार कर लिया है। अब इस प्रस्ताव पर विचार के लिए चार सितंबर को एक सम्मेलन बुलाया जाएगा। कलेक्टर ने इस प्रक्रिया के लिए एडीएम मीना मसराम को नियुक्त किया है। सम्मेलन के दौरान पार्षदों का गुप्त मतदान होगा, जिसके बाद यह तय होगा कि नगर पालिका अध्यक्ष कांग्रेस की मंजू वीरू राय रहेंगी या भाजपा नया अध्यक्ष बनाएगी। शुक्रवार को भाजपा के 20 पार्षदों ने कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवेदन सौंपा था। कलेक्टर द्वारा जारी पत्र में चार सितंबर को सम्मेलन की तारीख निर्धारित की गई है। पार्षदों को इस सूचना के साथ-साथ लिखित पत्र भी भेजा जा रहा है। नगर पालिका में कुल 39 पार्षद हैं। इनमें से भाजपा के 14 पार्षद और टीएसएम के पांच पार्षद, तथा एक निर्दलीय पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। कांग्रेस के 17 पार्षद और बीएसपी का एक पार्षद कांग्रेस के साथ हैं। इससे कांग्रेस के पास कुल 18 पार्षद हैं। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 27 पार्षदों की जरूरत है। 

नियमों के अनुसार प्रक्रिया 

पहले के नियमों के अनुसार अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दो साल का कार्यकाल पूरा होना और बहुमत होना आवश्यक था। हालांकि, नए नियमों के अनुसार अब अविश्वास प्रस्ताव तीन साल बाद ही लाया जा सकता है। सदस्यों की संख्या भी आधे से अधिक होनी चाहिए। वर्तमान स्थिति में जिला प्रशासन ने अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन स्वीकार कर लिया है। प्रक्रिया शुरू कर दी है। नई घोषणाओं के लिए राजपत्र अभी जारी नहीं हुआ है। चार  सितंबर को होने वाले सम्मेलन में भाजपा पार्षदों को 27 पार्षदों की संख्या पूरी करनी होगी, ताकि अध्यक्ष को पद से निष्कासित किया जा सके। यदि आवश्यक संख्या पूरी नहीं होती, तो अविश्वास प्रस्ताव रद्द माना जाएगा।