नई दिल्ली । दिल्ली और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पांच पार्षद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप छोड़कर आए रामचंद्र, पवन सहरावत, ममता पवन, सुगंधा बिधूड़ी और मंजू निर्मल को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सदस्यता ग्रहण कराई। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पार्षदों के पालाबदल को केजरीवाल सरकार की नाकामी बताया। 
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये पार्षद बीजेपी के साथ इसलिए गए क्योंकि इन्हें आप के साथ अपना राजनीतिक भविष्य नहीं दिखा। केजरीवाल दिल्ली की समस्याओं का समाधान करने में असफल रहे हैं। 
पांच पार्षदों के पालाबदल से एमसीडी की सबसे ताकतवर स्टैंडिंग कमेटी का गणित बदल दिया है। एमसीडी में विपक्षी बीजेपी के अब स्टैंडिंग कमेटी में नौ सदस्य है। 18 सदस्यों वाली कमेटी के लिए पार्टी के दो सदस्य पहले ही चुन लिए गए थे और पांच जोन (शाहदरा नॉर्थ और साउथ जोन, केशवपुरम, नजफगढ़ और सिविल लाइंस जोन में) में पार्टी बहुमत में थी। स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी के सात सदस्य पहले से ही थे। अब ताजा पालाबदल के बाद सेंट्रल और नरेला जोन में भी बीजेपी का बहुमत हो चुका है। बीजेपी में शामिल हुए पांच पार्षद इन्हीं दो जोन से हैं। रामचंद्र और पवन सहरावत नरेला जोन से आते हैं और बाकी तीन पार्षद सेंट्रल जोन से हैं। 
इसके उलट आप के पास अब पांच जोन (साउथ, वेस्ट, रोहिणी, सिटी सदर-पहाड़गंज और करोलबाग जोन) में ही बहुमत बचा है। आप के तीन सदस्य पहले ही स्टैंडिंग कमेटी के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी की स्ट्रेंथ स्टैंडिंग कमेटी में आठ ही पहुंचेगी जो बीजेपी से एक कम है। स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी जहां ड्राइविंग सीट पर आ गई है, वहीं आप नंबरगेम में फंस गई है। 
स्टैंडिंग कमेटी के बदले नंबरगेम का असर एमसीडी के काम पर होगा। स्टैंडिंग कमेटी में आप के नंबरगेम में पिछड़ने, बीजेपी के ड्राइविंग सीट पर आने का सीधा असर ये होगा कि अब एमसीडी में मेयर भले ही आम आदमी पार्टी का रहे, पावर बीजेपी के हाथ रहेगी। नंबरगेम में आगे निकली बीजेपी का दावा स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद के लिए अब मजबूत हो गया है। ज्यादातर प्रशासनिक और आर्थिक मामलों में स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी के बाद ही प्रस्ताव एमसीडी के सदन में पेश होता हैं। एमसीडी के मेयर की कुर्सी भले ही आप के पास हो लेकिन बीजेपी पावर सेंटर बनकर उभरेगी और दो धुर विरोधी पार्टियों के दो सत्ता केंद्र बन जाने का असर एमसीडी के कामकाज पर भी पड़ना तय बताया जा रहा है।