गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को आसान केवाईसी के आधार पर छोटे ऋण देने वाली कंपनी के पूर्व शाखा प्रबंधक समेत छह कर्मचारियों ने 7.36 लाख रुपये का गबन कर लिया। मामले की जानकारी कंपनी के अधिकारियों को विभिन्न सेंटर पर की गई जांच के दौरान हुई।

इस मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो कंपनी के अधिकारियों ने न्यायालय की शरण ली। अब न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में नगर क्षेत्र के मेरठ रोड संजय विहार आवास विकास कॉलोनी स्थित भारत फाइनेंसियल इन्क्लूजन लिमिटेड कंपनी के शाखा प्रबंधक योगेश कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी भारत सरकार द्वारा मान्य संस्था है। कंपनी का मुख्य कार्य गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को आसान केवाईसी के आधार पर छोटे ऋण देना है। इसके साथ ही आसान किस्तों में ऋण की वसूली भी करना है।

कहां-कहां के रहने वाले हैं आरोपी?

कंपनी के कर्मचारी जिला बागपत का बिनौली के तुषार कौशिक, मेरठ के गांव खत्ता का शिवकुमार, बुलंदशहर के थाना औरंगाबाद के जीवत सराय उबीला का महेश कुमार, गौतमबुद्धनगर के थाना जेवर के करेब का लविश कुमार शर्मा, आगरा के थाना खैरागढ़ के गांव अयेला के सुमित सिंह व बागपत के थाना बड़ौत के सादतपुर जानमाना कपिल शर्मा (पूर्व शाखा प्रबंधक) का कार्य ऋण मेंबरों को ऋण उपलब्ध कराना था। साथ ही ऋण वसूली का संग्रह करना भी था।

आरोपितों ने एक साथ मिलकर किया 7.36 लाख का गबन

पुलिस के अनुसार, सभी आरोपितों ने आपस में साज कर कंपनी का 7.36 लाख रुपये की ऋण राशि का गबन कर लिया। इसकी जानकारी कंपनी के कर्मचारियों को विभिन्न कंपनी सेंटर पर की गई जांच के दौरान हुई। मामले की जानकारी पर आरोपित कंपनी को बिना सूचित किए काम छोड़कर चले गए।

पुलिस से शिकायत करने पर आरोपितों ने दी धमकी

वहीं, आरोपितों से कई बार कंपनी के रुपये जमा करने के लिए कहा गया लेकिन, उन्होंने इनकार कर दिया। पुलिस से शिकायत करने पर पीड़ित को धमकी दी। मामले में पुलिस से शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली।

कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रघुराज सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर उक्त सभी नामजद आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।