लखनऊ । समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के नेता और अधिकारी जमीन की लूट घसोट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने अधिकारियों की मिलीभगत से अयोध्या को लूट का अड्डा बना दिया है। सेना की फायरिंग रेंज की जमीन को कौड़ियों के दाम में बेच दिया गया है। किसानों को डरा कर उनकी जमीन को औनेपौने दाम पर खरीदा गया है। सरकार के अधिकारी और भाजपा के लोग लूट में लग गए है और जहां लूट होगी वहां विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सपा के अयोध्या के नेताओं ने आज लूट का काला चिट्ठा खोला है। अब सोचिए जब राम की नगरी में लूट का यह हाल है तो पूरे प्रदेश में कितनी लूट हो रही होगी। राम मंदिर को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में भाजपा के नेताओं ने सस्ती दरों पर जमीने हथियानी शुरु कर दी और किसानों की सर्किल रेट को बढ़ाने की मांग की नजरअंदाज कर दिया और जब इन्होंने किसानों से सस्ते दामो में जमीनें ले ली, अब सर्किल रेट बढ़ा दिये गये हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा “सरकार के नेताओं, और अधिकारियों की सूची और रजिस्ट्रियां हमारे पास है। इन्होंने सेना की जमीन पर कब्जा कर लिया, जिस डिफेंस की ओर कोई नहीं देखता, उस जमीनों को इन्होंने बेंच दिया। अपनी सुविधा के लिए रेलवे की लाइन बदल दी और उस जमीन को सरकारी अधिकारियों और भाजपा नेताओं ने हथिया लिया जबकि नयी रेल लाइन डालने के नाम पर कई घरों को खाली करने के नोटिस थमा दिये।” उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस का नारा देने वालों ने गरीबों और किसानो को आवास विकास का डर दिखा कर उनसे सस्ते दामों में जमीने ले लीं मगर समाजवादी पार्टी गरीबो के साथ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विकास के खिलाफ नहीं है। अयोध्या एक वर्ल्ड क्लास सिटी बने, इसके लिए वह हर सहयोग को तैयार हैं मगर विकास के लिये दिमाग का होना जरूरी है जो भाजपा के नेताओं के पास नहीं है। दो साल बाद जब समाजवादी सरकार आएगी तो न सिर्फ अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी बनायेंगे बल्कि गरीबों को सर्किल रेट बढाकर मुआवजा दिया जाएगा।
सुल्तानपुर की घटना का जिक्र करते हुये उन्होने कहा कि पुलिस एनकाउंटर के नाम पर हत्यायें कर रही हैं। मंगेश यादव एनकाउंटर केस में गांव वाले भी कहते है कि पुलिस रात में उठाकर ले गयी,उसके पास से जो मोटरसाइकिल मिली उसकी चोरी की रिपोर्ट घटना के कई दिन बाद लिखी गयी। मंगेश यादव के पास नया बैग मिला,उस बैग में नए कपड़े मिले। दरअसल यह एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या थी और यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले तमाम एनकाउंटर हुए जिनमें सबसे ज्यादा पीडीए परिवार के लोग मारे गए। उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुये कहा कि जिसका दिल दिमाग नाकारात्मक हो उससे विकास की क्या उम्मीद कर सकते हैं। अगर दिमाग होता तो पुलिस चप्पल में एनकाउंटर न करती। ये सरकार लूट के साथ डर दिखाकर एनकाउंटर कर रही है। जो अधिकारी रात में हत्या की रणनीति बनाएं,उनसे न्याय की क्या उम्मीद की जा सकती है। हकीकत तो यह है कि भाजपा सरकार किसी की सगी नही है,उन्हें अपना स्वार्थ सिद्ध करना है।
एक सवाल के जवाब में उन्होने जमीन की रजिस्ट्रियां दिखाते हुये कहा “जब गरीब से जमीन ली जा रही थी, तब सर्किल रेट क्यो नहीं बढ़ाया गया। इन जमीन रजिस्ट्री में सबकी फोटो लगी है, उनके परिवार के लोगो की फोटो लगी है,अब तय है इसके बाद मुख्यमंत्री कोई अलग सूची नही पढ़ पाएंगे।” बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती के गठबंधन तोड़ने के आरोप का जवाब देते हुये अखिलेश यादव ने कहा “जिस दिन बीएसपी से गठबंधन टूटा दोनो दल के लोग आजमगढ़ में सार्वजनिक मंच पर थे मैं भी था किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूट गया। मैने खुद फोन कर पूछना चाहा था कि ऐसा क्यों किया.कभी कभी अपनी बात छुपाने के लिए कुछ बाते की जाती है।”