पांच साल तक इंग्लैंड के कोच रहे स्वीडन के स्वेन गोराना एरिक्सन का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। वह ऐसे पहले विदेशी थे जो इंग्लैंड टीम के मैनेजर बने। उन्होंने क्लब स्तर पर इटली, पुर्तगाल और स्वीडन में ट्रॉफियां अपने नाम की। एरिक्सन ने घर पर परिवारिक सदस्यों के बीच अंतिम सांस ली।

स्वीडन में स्वेनिस के नाम से थे मशहूर
आठ महीने पहले उन्होंने खुलासा किया था कि वह कैंसर से पीड़ित थे। इसके बाद उनके साथ रहे पूर्व फुटबालरों, क्लबों ने डॉक्यूमेंटरी तैयार की। उनके पुराने क्लब लिवरपुल ने उन्हें एक चैरिटी मैच में मैनेजर का दायित्व सौंपा। स्वीडन में स्वेनिस के नाम से मशहूर एरिक्सन का फुटबालर के रूप में नौ साल करियर रहा और 27 साल की उम्र में वह रिटायर हो गए। उसके बाद कोचिंग के क्षेत्र में नाम कमाया और 2001 में इंग्लैंड टीम के मैनेजर बने।

इंग्लैंड के कोच रहे
स्वेन के मार्गदर्शन में इंग्लैंड ने म्यूनिख में विश्वकप क्वालिफाइंग मैच में जर्मनी पर 5-1 से जीत हासिल की। उन्होंने उस समय दायित्व संभाला था जब टीम में डेविड बेकहम, स्टीवन गेरार्ड और वेन रूनी शामिल थे। टीम 2002 और 2006 के विश्वकप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं। इसके अलावा 2004 में इंग्लैंड टीम यूरोपियन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंची। टीम को पुर्तगाल से पेनाल्टी शूटआउट में हार मिली। इसके अलावा 2006 के विश्वकप में भी टीम शूटआउट में हारी।

इन टीमों के भी कोच बने स्वेन
स्वेन के कार्यकाल में खिलाड़ियों को अपनी पत्नी और गर्लफ्रेंड को टूर्नामेंट में साथ में ले जाने की अनुमति मिली। जर्मनी में हुए विश्वकप में विक्टोरिया बेकहम के टीम के संग जाने पर बड़ी सुर्खियां बनी थी। बाद में वह मैक्सिको, आइवरी कोस्ट और फिलिपीन की टीमों के भी थोड़े समय के लिए कोच बने। पुर्तगाल क्लब बेनिफिका को उन्होंने लगातार दो बार पुर्तगाली खिताब दिलाए। एक बाद 1983 में पुर्तगीज कप जीता।