पवित्र नगरी अयोध्या में इस साल के दीपोत्सव को असाधारण रूप से भव्य बनाने की तैयारियां चल रही हैं, जैसा कि परंपरा रही है। हालांकि, इस साल का उत्सव और भी महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि यह राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव है। अयोध्या में जलाए जाने वाले दीपों की संख्या का एक नया रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है, जिसका लक्ष्य शहर को 25 लाख दीपों से रोशन करना है, जो पिछले साल के 21 लाख के रिकॉर्ड को पार कर जाएगा।

25 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस साल अयोध्या में दिवाली का जश्न बेहद खास होने वाला है। इस आयोजन को पहले से कहीं ज्यादा भव्य और आकर्षक बनाने की तैयारियां चल रही हैं। साथ ही, अयोध्या में जलाए जाने वाले दीपों की संख्या का नया रिकॉर्ड भी बनने की उम्मीद है। अवध विश्वविद्यालय के स्वयंसेवक सरयू नदी के किनारे और सभी घाटों पर 25 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य लेकर चलेंगे।

सितंबर में शुरू हो जाएंगी उत्सव की तैयारियां

सितंबर में इस उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। अवध विश्वविद्यालय ने दिवाली समारोह के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। प्रोफेसर एसएस मिश्रा को इस आयोजन का नोडल अधिकारी बनाया गया है। एक तरफ सरयू नदी के तट लाखों दीपों से जगमगाएंगे, वहीं दूसरी तरफ उत्सव की खूबसूरती बढ़ाने के लिए 500 स्थानों पर आकर्षक बोर्ड लगाए जाएंगे।

पिछले साल भी बनाया था विश्व रिकॉर्ड, 51 घाटों पर 21 लाख से ज्यादा दीये

इस दीपोत्सव के दौरान, सात मशीनीकृत झांकियाँ, एक कोरियोग्राफ़्ड एरियल ग्रीन पटाखा शो, साथ ही एक लेज़र शो और कई अन्य आकर्षण होंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इस आयोजन के लिए एजेंसी के चयन और कार्यों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अयोध्या शहर को सुंदर बनाने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं, जिसमें सरयू नदी के किनारे मिट्टी के दीये जलाना और नदी के किनारों की सुंदरता को बढ़ाना शामिल है। बता दें कि, पिछले साल 2023 में दिवाली के दौरान राम की पैड़ी समेत 51 घाटों पर 21 लाख से ज्यादा दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था। इस साल पर्यटन विभाग अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में है।