टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस में पदक का रंग बदलते हुए सोने पर निशाना साधा। हरविंदर ने बुधवार को पुरुषों की रिकर्व ओपन स्पर्धा के फाइनल में पोलैंड के लुकास सिजेक को एकतरफा मुकाबले में 6-0 से पराजित कर पेरिस में भारत की झोली में चौथा स्वर्ण पदक डाला।

पेरिस में तीरंदाजी में भारत का यह दूसरा पदक
33 वर्षीय हरविंदर पैरालंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज हैं। पेरिस में तीरंदाजी में भारत का यह दूसरा पदक है। हरविंदर से पहले शीतल देवी और राकेश कुमार ने मिक्स्ड टीम कंपाउड वर्ग में कांस्य पदक जीता था।

सचिन ने 16.32 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान प्राप्त किया
वहीं, महाराष्ट्र के सचिन सरजेराव खिलाड़ी ने पुरुषों की गोला फेंक (शाटपुट) एफ-46 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड साथ रजत पदक जीता। सचिन ने 16.32 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान प्राप्त किया। एफ-46 स्पर्धा में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी भुजाओं में कमजोरी या मांसपेशियों की शक्ति क्षीण होती है। 34 वर्ष के सचिन ने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका और अपने ही एशियाई रिकार्ड 16.30 मीटर को तोड़ा। सचिन ने मई में जापान में हुई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
हरविंदर के पदक जीतने के साथ ही यह पैरालंपिक खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने अब तक चार स्वर्ण, आठ रजत और 10 कांस्य पदक जीते हैं। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में चार स्वर्ण सहित 19 पदक जीते थे। मंगलवार देर रात भारत ने एथलेटिक्स में पांच पदक जीते थे और कुल 20 पदक जीतकर कुल पदकों के मामले में टोक्यो के प्रदर्शन को पीछे छोड़ा था।