Spread the love

नई दिल्ली: साल 2022 की शुरुआत में अमेरिका की अगुआई वाले NATO की हरकतों से आजिज आकर रूस ने जब यूक्रेन पर धावा बोला, उस समय उसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में चौथे नंबर पर थी लेकिन महाबली रूस को इस युद्ध का बड़ा झटका लगा। अगले सालभर में उसकी जीडीपी 13% घट गई। दूसरी ओर अमेरिका और यूरोपीय देशों के सहारे रूस का सामना कर रहे यूक्रेन की जीडीपी 28% से ज्यादा घट गई। उसके बाद से दोनों ही देशों में लोगों को ज्यादा महंगाई और दूसरी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार से लौट तो आए हैं लेकिन तनाव बना हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की हरकतों पर चुप नहीं जा सकता, लिहाजा भारत को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी, लेकिन युद्ध से बचा जाना चाहिए क्योंकि हर जंग अपनी कीमत वसूलती है। इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डिवेलपमेंट के सीनियर इकनॉमिस्ट डॉ. सारथी आचार्य ने कहा, ‘इतिहास देखें तो जंग का खर्च किसी भी देश की इकॉनमी का एक अहम हिस्सा रहा है। कई बार ऐसी लड़ाइयां जरूरी होती हैं, लेकिन इनकी अपनी बहुत बड़ी ह्यूमन और मटीरियल कॉस्ट भी होती है।