नई दिल्ली: भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले रेडीमेड कपड़ों पर कुछ पाबंदियां लगाई हैं। ये पाबंदियां जमीन के रास्ते से होने वाले आयात पर हैं। इससे कपड़ों की लॉजिस्टिक कॉस्ट बढ़ सकती है और ट्रांजिट टाइम भी ज्यादा लग सकता है। बांग्लादेश से भारत आने वाले कपड़ों में लगभग एक तिहाई जमीन के रास्ते ही आते हैं। पहले बांग्लादेश में बने कपड़े जमीन के रास्ते से दो-तीन दिन में भारत पहुंच जाते थे। अब उन्हें जहाजों से कोलकाता और मुंबई बंदरगाह तक आने में ज्यादा समय लगेगा। फिर वहां कस्टम से निकलने के बाद उन्हें ट्रकों के जरिए गोदामों तक पहुंचाया जाएगा। इस सबमें ज्यादा समय लगेगा।
Apparel Export Promotion Council के सेक्रेटरी जनरल मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा, ‘इस फैसले से बांग्लादेश से भारत को होने वाले कपड़ों के निर्यात पर कई तरह से असर पड़ेगा। भारत में कपड़ों का जो आयात होता है, उसका बड़ा हिस्सा जमीन के रास्ते से आता है। पेट्रापोल बॉर्डर से ही 76% माल आता है। कई भारतीय कंपनियों ने बांग्लादेश में अपनी फैक्ट्रियां लगाई हैं। इसकी वजह यह है कि वहां उत्पादन का खर्च कम है। वहां मजदूरी कम है और बिजली पर सब्सिडी मिलती है। साथ ही, बांग्लादेश को कम विकसित देश होने का फायदा भी मिलता है, जिससे उसे टैक्स में छूट मिलती है।