बेंगलुरु। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यहां कहा कि लोकसभा चुनाव में एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला राजग है और दूसरी तरफ भ्रष्ट और परिवारवादी विपक्षी गठबंधन है। भाजपा की बैठक में उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुट होकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी रामलला को टेंट से भव्य मंदिर में लाये हैं। 
उन्होंने दावा किया कि भाजपा-जद(एस) गठबंधन कर्नाटक में सभी 28 लोकसभा सीट जीतेगा हम कांग्रेस को खाता भी नहीं खोलने देंगे। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने का वादा कर सत्ता में आये थे। भ्रष्टाचारियों को जेल होनी चाहिए या नहीं? बैठक में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता तुष्टिकरण की राजनीति के कारण रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम पीएम मोदी जी के शानदार और मजबूत नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर परिवारवादी और भ्रष्ट इंडी गठबंधन युद्ध के मैदान में है। मैंने देश भर के लगभग 60 फीसदी राज्यों का दौरा किया है जहां भी मैं गया मैंने लोगों को मोदी, मोदी, मोदी कहते हुए सुना है। 
शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने 23 साल तक मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। इन 23 वर्षों में विपक्षी मोदी जी पर 23 पैसे के भ्रष्टाचार का आरोप भी नहीं लगा पाए हैं। मोदी जी ने पारदर्शिता के साथ काम करके एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि मैं पिछले दो चुनावों के दौरान कर्नाटक के लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। 2014 में बीजेपी ने कर्नाटक में 43 फीसदी वोट हासिल करते हुए 17 सीटें जीतीं। 2019 में भाजपा ने कर्नाटक में 51 फीसदी वोट प्राप्त करते हुए 25 सीटें जीतीं। इस बार मैं कर्नाटक के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे हमें कर्नाटक की सभी 28 सीटों पर आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि 23 साल तक मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहने वाला पूरी दुनिया में एक ही व्यक्ति है जिसने एक भी छुट्टी लिए बिना भारत की जनता की सेवा की है। वहीं दूसरी ओर राहुल बाबा हैं जो गर्मी आते ही विदेश चले जाते हैं और पूरी कांग्रेस 6 महीने इन्हें ढूंढती रहती है। उन्होंने कहा कि संसद में राहुल बाबा कहते थे जम्मू कश्मीर से धारा-370 मत हटाओ खून की नदियां बह जाएंगी। 5 अगस्त 2019 को मोदी जी ने धारा-370 हटा दी। वे बोले राहुल बाबा ये मोदी सरकार है खून की नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की भी हिम्मत नहीं हुई है।