भारतीय पुरुष और महिला टेबल टेनिस टीम ने इतिहास रचते हुए पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया। अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) की ओर से जारी रैंकिंग के आधार पर पुरुष और महिला टीम को पेरिस का टिकट मिला है। यह पहली बार है जब रैंकिंग के आधार पर पुरुष और महिला टेबल टेनिस टीम ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है।

15वें, 13वें स्थान पर रहीं पुरुष, महिला टीमें

बीते माह बुसान में हुई विश्व टीम टेबल टेनिस चैंपियनशिप के फाइनल्स के बाद ओलंपिक के लिए टीम इवेंट के सात स्थान बचे थे, जिन्हें उनकी विश्व रैंकिंग के आधार पर दिया जाना था। आईटीटीएफ की ओर से कहा गया कि नवीनतम विश्व टीम रैंकिंग में अभी तक ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं करने वाली शीर्ष रैंकिंग की टीमों ने पेरिस का टिकट हासिल कर लिया है। महिला वर्ग में भारत ने विश्व रैंकिंग में 13वें और पुरुष वर्ग में 15वें स्थान पर रहते हुए ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। महिला वर्ग में भारत के अलावा पोलैंड, स्वीडन और थाईलैंड को और पुरुष वर्ग में क्रोएशिया और स्लोवानिया को पेरिस का टिकट मिला है।

मेरे लिए विशेष क्षण : शरत

वरिष्ठ टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल ने कहा कि आखिरकार, भारत ने ओलंपिक की टीम इवेंट के लिए क्वालिफाई कर लिया, जिसका मुझे बहुत लंबे समय से इंतजार था। मेरा पांचवां ओलंपिक होने के बावजूद यह मेरे लिए विशेष क्षण है। खासतौर पर हमारी महिला टीम ऐतिहासिक ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए बधाई।

विश्व टीम चैंपियनशिप के अंतिम-16 में बनाई थी जगह

भारतीय टेबल टेनिस के इतिहास में यह महत्वपूर्ण सफलता है। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में पहली बार टीम स्पर्धा को शामिल किया गया था, उसके बाद से यह पहली बार है जब भारत टेबल टेनिस की टीम इवेंट में खेलेगा। भारतीय पुरुष और महिला टीम ओलंपिक क्वालिफाइंग विश्व टीम चैंपियनशिप के प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। जहां पुरुष टीम को कोरिया के हाथों 0-3 और महिला टीम को ताईवान के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था। इस चैंपियनशिप में अहिका मुखर्जी और श्रीजा अकुला ने चीन की विश्व नंबर एक और दो को पराजित किया था।

विदेशी प्रशिक्षक के बिना सफलता

भारतीय टीम की यह सफलता इस वजह से भी खास हैै कि उसके पास कोई भी विदेशी कोच नहीं है। भारतीय टीम ने देश के ही टेबल टेनिस प्रशिक्षकों के दम पर विश्व टीम चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि भारतीय टेबल टेनिस महासंघ विदेशी प्रशिक्षक को अनुबंधित करने के लिए जोर लगा रहा है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। खासतौर पर अहिका, श्रीजा, दिया चिताले, सुतीर्था मुखर्जी, हरमीत देसाई, मानव ठक्कर का प्रदर्शन शानदार रहा है।