भोपाल । चार महीने बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अब चुनावी रणनीति पर चिंतन-मनन शुरू कर दिया है। संघ के सर्वे में मिले फीडबैक के आधार पर भाजपा पहले उन इलाकों में जाएगी, जो उसके लिए कमजोर हंै और जहां कांग्रेस का वर्चस्व है। इसके लिए ऐसे बड़े नेताओं का चयन किया जा रहा है, जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इनमें प्रदेश के कद्दावर नेता और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम शामिल है। विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा का प्रभारी बनाया जा सकता है।
हर बार विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जनआशीर्वाद यात्राओं के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचते हैं।  इस बार इस कड़ी में कई अहम किरदार जोड़े जा रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय एक ऐसा नाम है, जो प्रदेश के नेताओं में अभी सबसे पहले गिना जा रहा है। प्रदेश में संगठन के नेतृत्व परिवर्तन की हवा जब भी चलती है विजयवर्गीय का नाम आगे आ जाता है।
 मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा इस बार महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि संघ के सर्वे में भाजपा के पक्ष में कम सीटें बताई गई हैं। इसलिए अभी यात्रा का रोडमैप तैयार नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि विजयवर्गीय जैसे कद्दावर नेता को जनआशीर्वाद यात्रा और चुनावी कैंपेन की कमान दी जा सकती है। मालवा-निमाड़ के साथ-साथ उन्हें चुनावी कैंपेन का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। विजयवर्गीय हमेशा पार्टी के लिए संकटमोचक बनकर उभरे हैं और इस बार उनके दायित्व में कुछ चुनौतियां जोड़ी जा सकती हैं। कुछ विशेष क्षेत्र की सीटों को लेकर भी उन्हें फ्री हैंड दिया जा सकता है। सूत्र तो यह भी कह रहे हैं कि इस बार के चुनाव में विजयवर्गीय की भूमिका अहम रहने वाली है। अगर उन्हें यात्रा का प्रभारी बनाया जाता है तो पहले उन सीटों पर यात्रा निकालने पर जोर रहेगा, जहां भाजपा का कमजोर प्रदर्शन रहा है। इसी महीने कोर कमेटी की बैठक का दूसरा दौर भी होगा, जिसमें संभवत: रोडमैप और प्रभारी की घोषणा होगी।