गोरखपुर : समाजवादी पार्टी ने रविवार को डुमरियागंज और संतकबीर नगर में प्रत्याशियों की घोषणा कर जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया है।डुमरियागंज से प्रत्याशी बनाए गए भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी संतकबीर नगर से दो बार सांसद रह चुके हैं। पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे कुशल तिवारी पहली बार वह 2007 के उपचुनाव में बसपा के टिकट पर खलीलाबाद से सांसद बने थे।

इसके बाद 2009 में बसपा के टिकट पर ही लोकसभा पहुंचे। 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें संतकबीर नगर से भाजपा प्रत्याशी क्रमशः शरद त्रिपाठी और प्रवीण निषाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा। सपा ने अब उन्हें भाजपा प्रत्याशी जगदंबिका पाल के खिलाफ डुमरियागंज से प्रत्याशी बनाया है। 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली डुमरियागंज लोकसभा सीट से कुशल तिवारी को प्रत्याशी बनाकर सपा ने मुसलमान, यादव के साथ ब्राह्मण मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया है।

इसके अलावा संतकबीर नगर में सपा ने मेहदावल के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी में राज्य मंत्री रहे पप्पू निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद समीकरण में सेंधमारी का प्रयास किया है। पप्पू निषाद को संतकबीर नगर से प्रत्याशी बनाकर सपा ने 20 प्रतिशत से अधिक निषाद मतदाताओं को संदेश दिया है। इन दोनों लोकसभा सीटों पर अब बसपा का प्रत्याशी यहां के मुकाबले की रोचकता को तय करेगा।

बसपा यहां से किसे प्रत्याशी बनाती है, यह देखने वाली बात होगी। डुमरियागंज सीट से बसपा एक पूर्व विधायक को प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। पिछड़ा वर्ग से आने वाले यह पूर्व विधायक लगातार बसपा के संपर्क में हैं, वही संतकबीर नगर में सपा नेता के दलबदल कर बसपा में जाने की चर्चा है। पूर्व प्रमुख और विधायक रह चुके ब्राह्मण नेता बसपा के टिकट पर संतकबीर नगर से चुनाव लड़ सकते हैं। इन समीकरण के बाद इन सीटों पर रोचक मुकाबले की संभावना है।