पटना । बिहार के नीतीश कैबिनेट से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी के इस्तीफे के बाद कैबिनेट विस्तार की अधिकारिक घोषणा हो गई है।पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक से पहले 16 जून को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
चर्चा है कि संतोष मांझी की जगह जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा दो और नामों पर चर्चा चल रही है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इन दो चेहरों को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा गया है।
माना जा रहा है एक मंत्री जदयू और एक राजद काटे से होगा। कांग्रेस का कोटा भी बढ़ेगा और पार्टी के एक विधायक को नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद मिल सकता है। हालांकि, यह तह है कि कांग्रेस कोटे से जिसे भी मंत्री पद मिलेगा वह सवर्ण होगा।
बताया जा रहा हैं कि कांग्रेस ने भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा को मंत्रिमंडल में मंत्री पद की जिम्मेदारी देने का मन बनाया है। इसकी आधिकारिक पुष्टि होना शेष है। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए राज भवन के सभागार में तैयारी शुरू कर दी गई है। नए मंत्रियों को शपथ दिलाने के सुबह का समय तय किया गया है। संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद जदयू विधायक रत्नेश सदा ने मुख्यमंत्री नीतीश से भेंट मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई। इसका एक और कारण यह है कि रत्नेश सदा उसी समाज से आते हैं, जिस समाज से संतोष सुमन हैं। इसके बाद सदा को मंत्री बनने से मांझी समुदाय को साधने की कोशिश हो सकती है।
वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में पूछने पर डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का निर्णय होता है। मांझी के इस्तीफे पर तेजस्वी यादव ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कोई यह नहीं कह सकता कि जीतन राम मांझी को सम्मान नहीं दिया। उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया गया। उनके पुत्र को हम लोगों ने एमएलसी बनाया। उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।