प्रथम दायित्व फाउंडेशन ने 21 क्षय रोगियों को प्रदान की पोषण किट
अलीगढ़ । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की मदद के लिए प्रथम दायित्व फाउंडेशन द्वारा गोद लिए गए 21 क्षय रोगियों को पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय के सभागार में बृहस्पतिवार को पोषण सामग्री प्रदान की गयी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने उपस्थित समस्त मरीजों और उनके परिजनों को बताया कि पोषण हेतु मिलने वाली सामग्री का सेवन केवल मरीज व्यक्तिगत रूप से करें। इसके अलावा किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें ताकि जिससे स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य की समय पर जांच कर मरीज का ध्यान रख सके। सामाजिक संस्थाओं द्वारा किये जा रहे यह प्रयास सराहनीय है। जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि हेल्थ विजिटर की निगरानी में दवाओं के साथ निःशुल्क उपचार से पिछले पांच वर्षों में करीब 28,547 से अधिक रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसमें वर्ष 2021 के 3,412 एवं 2022 के 4,190 सक्रिय टीबी मरीजों का इलाज वर्तमान में चल रहा है। उन्होंने कहा- टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक दूसरे से फैलती है। पूरा इलाज करने से यह पूरी तरह ठीक हो जाती है। पोषण सामग्री वितरण पर प्रथम दायित्व की निदेशक कल्पना जादौन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षय रोगियो की मदद के लिए ऐसे लोगों को आगे आना होगा जिससे वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को पूरा कर सकें। कल्पना जादौन ने बताया कि ऐसे टीबी रोगी जो आर्थिक रूप से पिछड़े है, उनके लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना चाहिए ताकि टीबी की दवाई के साथ उन्हें पोषण सामिग्री भी मिल सके और वह सब आर्थिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ हो सकें। इसके अतिरिक्त अन्य क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए भी समुदाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है और जल्दी ही और भी टीबी मरीजों को विभिन्न संस्थाओं द्वारा गोद लिया जाएगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया जिले में इस साल 1132 क्षय रोगियों को विभिन्न सामाजिक संगठनों , अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। जिले में जियो टैगिंग के माध्यम से ली जा रही स्वास्थ्य की जानकारी, जांच में टीबी पाए जाने के उपरांत हेल्थ विजिटर द्वारा मरीज को दवा व कार्ड मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे मरीज के मोबाइल नंबर से संपर्क कर, उन्हें दवा व जांच के समय आने की सूचना भी दी जा रही है। मरीज का दो महीने के बाद फॉलोअप भी शुरू किया जा रहा है, जिसकी जियो टैगिंग की जा रही है। कार्यक्रम में जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक नईम अहमद, टीयू नौरंगाबाद एसटीएस पीयूष गौतम,दायित्व फाउंडेशन से आयुष, मोहन, विष्णु, राज सक्सेना, हिमांशु, विजय, रोहित आदि लोग उपस्थित रहे।