चित्रकूट ।  सतना के चित्रकूट में दिवाली के दूसरे दिन लगता है गधों का मेला, मेले में गधों की कीमत लाखों में होती है। पिछले कई सालों से यहां गधों का मेला लगने की परंपरा चली आ रही है। इस मेले में खरीदारी करने से ज्‍यादा गधों को देखने वालों की भीड़ इकट्ठा होती है। 

फिल्‍मी कलाकारों के नाम पर बिकते हैं गधे

मेले में गधों के नाम फिल्‍मी सितारों के नाम पर रखे जाते हैं। यही पहचान उन्‍हें आम से खास बना देती है। जैसे यहां पर आपको सलमान, शाहरुख, अक्षय कुमार, आलिया भट्ट, कृति सेनन, माधुरी , प्रियंका और भी कई हस्तियों के नाम वाले गधे मिल जाएंगे। जितना बड़ा स्‍टार, उतना महंगा गंधा। पिछले साल सलमान और शाहरुख नाम के गधे 1 लाख और 90 हजार में नीलाम हुए थे। बाकी गधे 30 से 60 हजार रुपए के बीच बिकते हैं।

मेले का इतिहास 

मेले की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब ने कराई थी। औरंगजेब अपनी सेना को लेकर चित्रकूट के मंदाकिनी तट पर ठहरा था। जब औरंगजेब ने चित्रकूट के मतगजेन्द्र नाथ स्वामी मंदिर को तोड़ा तो उसका लश्कर पूरी तरह से तबाह हो गया था। जिसके बाद औरंगजेब ने चित्रकूट में एक मंदिर का निर्माण कराया और गधों का मेला लगवाया, गधों के मेले की परंपरा अबतक चली आ रही है।

पूरे देश से गधों की खरीदारी करने आते हैं लोग

गधों की खरीदारी करने के लिए केवल मध्‍य प्रदेश के ही नहीं, बल्कि गुजरात, राजस्‍थान, महाराष्ट्र से भी लोग आते हैं। उज्जैन में भी शिप्रा नदी के पास मैदान में गधों का मेला आयोजित होता है।

एक गधे की एंट्री फीस 300 रुपये 

गधों के मेले में गधा बेचने के लिए भी एंट्री फीस देनी पड़ती है। पंचायत हर गधे के लिए 300 रुपये की एंट्री फीस वसूलती है। एक खूंटे के लिए 30 रुपये चुकाने होते हैं। हर साल इस मेले में लगभग तीन से चार हजार गधे बिक जाते हैं।

पहले ही दिन 50 से अधिक गधे-खच्चर बिके

पहले ही दिन मेले में 50 से अधिक गधे-खच्चर बिके, जिनमें सबसे महंगा 80 हजार कीमत का गधा बिका। मुगल शासक औरंगजेब के जमाने से चला आ रहा गधों- खच्चरों का ऐतिहासिक मेला चित्रकूट में फिर सज गया है।