महाकुंभ के दौरान गैर सनातनियों के प्रवेश पर रोक...............खुलकर समर्थन में आया साधु और संत समाज
प्रयागराज । 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जिसमें साधु-संतों द्वारा गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकानें आवंटित करने पर आपत्ति जाहिर की गई है। इस मुद्दे को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी उठाया है, इसमें मांग हुई है कि महाकुंभ के मेले में गैर सनातनियों को खाने-पीने की दुकानें न दी जाएं।
स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज ने इसका समर्थन कर कहा कि महाकुंभ हिंदुओं का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, और यह आयोजन धार्मिक पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इस पवित्र स्थल पर गैर सनातनियों के प्रवेश पर रोक होनी चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और धार्मिक क्रियाओं पर कोई विपरीत प्रभाव न पड़े। शांडिल्य महराज ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन में खाने-पीने की दुकानें केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही आवंटित की जानी चाहिए, ताकि महाकुंभ की पवित्रता बनाए रखी जा सके।
शांडिल्य महराज ने कहा कि हिंदू समुदाय दूसरे धर्मों में हस्तक्षेप नहीं करता, लेकिन दिख रहा है कि कुछ लोग महाकुंभ में जबरन प्रवेश की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि हाल ही में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जैसे जूस में थूकना और झूठा खाना दिया जाना।
इतना ही नहीं शांडिल्य महराज ने कहा कि जिन्हें भी खाने-पीने की दुकानों का आवंटन हो है, उनकी पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए। सिर्फ उसके बाद ही उन्हें दुकान लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए। महाकुंभ के दौरान, लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान और पूजा के लिए आते हैं, और इस आयोजन की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए, साधु-संतों का यह कहना है कि यहां की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी और प्रबंधन की आवश्यकता है।