सरकार पर दबाव बनाने में सफल रहे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

भोपाल। प्रदेश भाजपा में बुंदेलखंड के सागर के बाद अब दमोह में भी भाजपा नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। अपने समर्थक के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज होने से नाराज केंद्रीय मंत्री ने दमोह पुलिस की सुरक्षा लौटाने का ऐलाने किया। इससे दबाव में आई राज्य सरकार ने आनन-फानन में मामले की सीआईडी जांच की घोषणा कर दी है। अब दमोह पुलिस अधीक्षक को ही प्रकरण की सीआईडी जांच कराने की अनुशंसा करनी पड़ेगी। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में इस पूरे प्रकरण को भाजपा के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेेल और जयंत मलैया गुट के आपसी टकराव से जोडक़र देखा जा रहा है।
दमोह में राशन दुकान के सेल्समैन विक्रम उर्फ रोहित की आत्महत्या मामले में पुलिस ने सोसायट नोट के आधार पर  4 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया था। जिनमें सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर और मोंटू रैकवार का नाम भी शामिल था। पुलिस द्वारा ठाकुर का नाम केस में शामिल करने से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल नाराज थे। दमोह पहुंचने पर उन्होंने दमोह पुलिस की सेवाएं लेने से इंकार कर दिया है। साथ ही दमोह पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।
गृहमंत्री ने सीआईडी जांच का ऐलान भी कर दिया है, लेकिन इसके लिए दमोह एसपी की ओर से अनुशंसा भेजी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 10 साल पहले भी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के परिवार के लोगों पर हत्या का आरोप लगा था। तभी भी उन्होंने सरकार पर दबाव बनाकर मामले को सीआईडी में भिजवा दिया था।

पूरे घटनाक्रम की कहानी
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल अपने जिस प्रतिनिधि यशपाल सिंह ठाकुर पर प्रकरण दर्ज करने का विरोध कर रहे हैं, असल में वह पहले कांग्रेस में था। दमोह उपचुनाव के दौरान जब मंत्री भूपेन्द्र सिंह पर सूटकेस के आरोप लगे थे, वह मामला ठाकुर ने ही उठाया था। बाद में ठाकुर प्रहलाद पटेल के संपर्क में आए और भाजपा में शामिल हो गए। फिर पटेल ने यशपाल को अपना सांसद प्रतिनिधि बना दिया। कुछ दिन पहले राशन दुकान के संचालक विक्रम उर्फ रोहित ने आत्महत्या कर ली थी। उसने सोयायट छोड़ा जिसमें 4 लोग यशपाल सिंह ठाकुर और मोंटू  रैकवार समेत 4 लोगों का नाम था। मोंटू रैकवार तब चर्चा में आए जब दमोह के गंगा जमना स्कूल को क्लीनचिट देने पर जिला शिक्षा अधिकारी के मुंह पर कालिख पोता।

संगठन ने निरस्त कराया था सिद्धार्थ का कार्यक्रम
दमोह के सियासी घटनाक्रम को जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया के 28 जून को आयोजित कार्यक्रम से जोडक़र भी देखा जा रहा है। मलैया ने भाजपा में वापसी के उपलक्ष्य में दो दिन पहले दमोह में बड़ा आयोजन रखा था। जिसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित भी किया था। लेकिन कार्यक्रम से पहले ही गृहमंत्री के पास दमोह को लेकर फीडबैक मिल चुका था। इसके बाद उन्होंने संगठन को सूचित कर दमोह दौरा निरस्त कर दिया। इसी बीच भाजपा संगठन ने भी मलैया से कहकर कार्यक्रम को निरस्त करवा दिया था। बताया गया कि सिद्धार्थ मलैया इस आयोजन के जरिए दमोह में फिर से शक्ति प्रदर्शन करने वाले थे।