भोपाल । हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मप्र में मंडी समितियों के चुनाव विधानसभा चुनाव के पहले होंगे, लेकिन सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने संकेत दिया है की मंडी चुनाव अब विधानसभा चुनाव के बाद ही हो सकते हैं।
मप्र में 2017 से मंडी चुनाव नहीं हुए है, लिहाजा उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्द ही मंडी चुनाव होंगे, पर अब चूंकि विधानसभा चुनाव आ गए है तो अभी मंडी चुनाव के लिए और इंतजार करना होगा। मंडी चुनाव में कई सालों से देरी हों रही है यह सहकारिता मंत्री भी मान रहें है। उनका कहना है कि ना सिर्फ मंडी चुनाव बल्कि कोऑपरेटिव चुनाव भी नही हुए है, जो कि कोर्ट की दृष्टि से रुके थे।
मप्र में सैकड़ों सहकारी समितियां डिफाल्टर घोषित की गई है, जिसको लेकर सहकारिता मंत्री का कहना है कि ये सब कमलनाथ की सरकार के कारण हुआ है, उन्होंने किसानों से झूठे वादे किए कि कर्ज माफ होगा पर हुआ नही, कमलनाथ ने सोसायटियों को आदेश कर दिया कर्ज मांफी का। सरकार को 5600 करोड़ रुपए बैंकिंग सिस्टम में डालना था, पर ऐसा हुआ नही जिसके कारण किसान डिफाल्टर हों गए। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 2110 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डाले, और करीब 10 लाख किसानों को कर्ज मांफी दी गई है।