पुणे । पीएम नरेंद्र मोदी को मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने पुणे पहुंचने के बाद लोकमान्य तिलक के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पुणे के दगडूशेठ हलवाई गणेश मंदिर में पूजा भी की। मंदिर के ट्रस्टियों ने कहा कि वह मंदिर का दौरा करने और पूजा करने वाले पहले सेवारत पीएम बन गए हैं। 
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण, संस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण,और व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण होता है। इसी रोडमैप को आज देश प्रभावी ढंग से फॉलो कर रहा है। लोकमान्य तिलक ने परंपराओं को भी पोषित किया था। उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए सार्वजनिक गणपति महोत्सव की नींव डाली।  उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस और आदर्शों की ऊर्जा से समाज को भरने के लिए शिव जयंती का आयोजन शुरू किया। तिलक इस बात को जानते थे कि आजादी का आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण का मिशन, भविष्य की जिम्मेदारी हमेशा युवाओं के कंधों पर होती है। लोकमान्य में युवाओं की प्रतिभा पहचानने की जो दिव्य दृष्टि थी, इसका एक उदाहरण हमें वीर सावरकर से जुड़े घटनाक्रम में मिलता है।  पीएम मोदी ने कहा कि एक महान नेता वहां होता है, जो एक बड़े लक्ष्य के लिए न केवल खुद को समर्पित करता है, बल्कि उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संस्थाएं और व्यवस्थाएं भी तैयार करता है। इसके लिए हमें सबको साथ लेकर आगे बढ़ना होता है। हमें जब कोई अवार्ड मिलता है, तब उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है। और जब उस अवार्ड से तिलक जी का नाम जुड़ा हो, तब दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है। मैं लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं।