बैंड बाजा बारात की धुन थमने वाली है. इस बार 23 साल बाद ग्रहों का ऐसा संयोग बना है कि मई और जून के महीने में शहनाई की गूंज नहीं सुनाई देगी. ऐश्वर्य एवं वैभव का कारक माने जाने वाले शुक्र और ज्ञान के ग्रह गुरु के अस्त होने के कारण 69 दिनों तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे. इसके अलावा शुक्र,गुरु और सूर्य मिलकर मेष राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 1 मई से लेकर 8 जुलाई तक सभी तरह के मांगलिक कार्य ठप रहेंगे. पंचाग के अनुसार, 29 अप्रैल को रात 11 बजकर 13 मिनट पर शुक्र अस्त हो जाएंगे. इसके 7 वें दिन यानी 6 मई को रात करीब 11 बजे गुरु भी अस्त होंगे.

जुलाई में इस दिन मुहूर्त
इसके बाद गुरु का उदर 3 जून को होगा और वैभव के कारक ग्रह शुक्र 28 जून को उदय होंगे. लेकिन उसके बाद भी 10 दिनों तक मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं होंगे. जुलाई महीने में 9 तारीख से फिर से शादी विवाह के मुहूर्त की शुरुआत होगी. जुलाई महीने में 9,10,11,12 और 13 तारीख को शहनाई की गूंज फिर सुनाई देगी.

कैसे अस्त होते है ग्रह
सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, जब भी कोई ग्रह सूर्य के करीब आता है तो सूर्य के प्रभाव से वो बलहीन हो जाता है. जिसके कारण उसकी शक्तियां कमजोर हो जाती है इसे ज्योतिष में उस ग्रह का अस्त होना कहा जाता है. बताते चलें कि शुक्र को वैवाहिक जीवन, ऐश्वर्य, वैभव का कारक माना जाता है. इसलिए उसके अस्त होने के बाद मांगलिक कार्यो की मनाही हो जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस समय किए गए शादी विवाह सफल नहीं होते हैं.