काहिरा/त्रिपोली। अफ्रीकी देश लीबिया में डेनियल तूफान और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है। तूफान के बाद 10 हजार आबादी वाले डेर्ना शहर के पास दो डैम टूट गए। इससे पूरा शहर तबाह हो गया है। डेर्ना शहर के मेयर ने बताया है कि मौतों का आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच सकता है।
अलजजीरा ने लोकल अथॉरिटीज के हवाले से बताया कि देश में अब तक 6,900 लोगों की मौत हो चुकी है। आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सिर्फ 700 शव ऐसे हैं, जिनकी शिनाख्त हो सकी है। 20 हजार से ज्यादा लोग लापता हैं। उसामा अल हुसादी नाम के एक 52 साल के ड्राइवर ने अलजजीरा को बताया कि वो अपनी पत्नी और 5 बच्चों को 4 दिन से ढूंढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा- मैं अस्पतालों, कम्यूनिटी हॉल्स की खाक छानता फिर रहा हूं, लेकिन मुझे कहीं भी उनकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। उनका कहना है कि बाढ़ की वजह से उन्होंने अपने 50 रिश्तेदारों को खोया है।
लीबियन सिक्योरिटी फोर्स के मुताबिक 4 देश तुर्किये, इटली, कतर और यूएई बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचा रहे हैं। यहां मेडिकल इक्विपमेंट्स, दवाएं और खाना पहुंचाया जा रहा है। मिस्र, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और कुवैत ने भी मदद करने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और अमेरिका भी इमरजेंसी फंड जारी कर रहे हैं।
 लाशों की शिनाख्त नहीं हो पा रही
हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि कई इलाकों में पानी में लाशें तैरती नजर आ रही हैं। कई घरों में शव सड़ चुके हैं। कुछ मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया है कि एक समंदर में लाशें तैरती देखी गई हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि मरने वालों को दफनाने तक की जगह नहीं बची। लाशें सडक़ों पर देखी जा सकती हैं। अलजजीरा के मुताबिक, पोर्ट सिटी डेर्ना के पास दो डैम थे, तूफान और बाढ़ से ये टूट गए। इनमें से एक डैम की हाइट 230 फीट थी। सबसे पहले यही डैम तबाह हुआ। रिपोट्र्स के मुताबिक, इन डैम्स की 2002 से देखरेख नहीं हुई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे 123 सैनिकों के बारे में भी पता नहीं चल रहा है। यही वजह है कि अब फौज भी बेबस नजर आ रही है। देश में मौजूद चुनिंदा एयरपोट्र्स इस लायक नहीं बचे हैं कि वहां कोई हैवी या कार्गो एयरक्राफ्ट लैंड कर सके। यही वजह है कि यहां मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है।