भोपाल ।  शाहपुरा थाने से एक किमी दूर मारुतिनंदन कॉम्प्लेक्स में लिफ्ट का वायर टूटने से लिफ्ट चौथी मंजिल से सीधे बेसमेंट में आ गिरी। इस हादसे में लिफ्ट में सवार जितेन्द्र सोनी नामक युवक घायल हो गया। गनीमत रही कि बेसमेंट में पानी भरा था, जिसने ऊपर से गिरती लिफ्ट के लिए शाक एब्‍जार्वर का काम किया और युवक की जान बच गई। हालांकि उसे रीढ़ की हड्डी में चोट आई है। हादसे के बाद युवक की चीख-पुकार सुनकर लोग जमा तो हो गए लेकिन तुरंत सहायता नहीं कर पाए। आधे घंटे बाद युवक को बाहर निकाला गया। बताया जा रहा है कि लिफ्ट के पानी में गिरने के बाद वह कमर तक डूब गया था। इस हादसे की वजह से युवक काफी डर गया था। उसने अपना इलाज कराया और घर चला गया। उसने थाने में भी इसकी शिकायत नहीं की। पुलिस अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर युवक से संपर्क कर रही है।

270 सोसायटियों की लिफ्ट 20 साल पुरानी

शहर की 20 साल पुरानी 270 रहवासी सोसायटियों और 55 कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में लिफ्ट पुरानी हो चुकी हैं। मेंटेनेंस न होने के कारण सभी जानलेवा हैं। लाखों लोग जिंदगी खतरे में डालकर लिफ्ट का उपयोग कर रहे हैं। नगर निगम में चीफ इंजीनियर प्रदीप जैन का कहना है कि लिफ्ट की जांच के बाद ही एनओसी जारी होती है। मेंटेनेंस से जुड़े कोई काम नगर निगम नहीं करता है। यह संबंधित सोसायटियों का काम है। वही देखरेख भी करती है।

चार साल पहले बनाया लिफ्ट संबंधी नियमावली का ड्राफ्ट

जस्टिस वेदप्रकाश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, राज्य विधि आयोग का कहना है कि चार साल पहले सरकार को ड्राफ्ट बनाकर दिया था। जिसमें व्यावसायिक और रहवासी सोसायटी में लिफ्ट की हर छह माह में सर्विस की बात थी। साल में एक बार लिफ्ट इंस्पेक्टर परीक्षण करे। न करने पर सील करने का प्रावधान हो। लिफ्ट से संबंधित कानून की सख्त जरूरत है।