नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ समुदाय को एकजुट करने के प्रयासों में लगे हुए हैं. कांग्रेस का छात्र संगठन देश के प्रमुख शैक्षणिक परिसरों में राहुल गांधी और छात्रों की बीच संवाद आयोजित करायेगा. एनएसयूआई राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के विस्तार की योजना बना रहा है. संगठन देश भर के परिसरों में छात्रों की एक राष्ट्रव्यापी लामबंदी करने की तैयारी कर रहा है.

जिसका नारा है 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो'. एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज कुंदन ने बताया कि राहुल ने हमारी हालिया कार्यकारी समिति की बैठकों में भाग लिया. हमारा मार्गदर्शन किया. बातचीत के दौरान, हमारे कुछ पदाधिकारियों ने सुझाव दिया कि पूर्व पार्टी प्रमुख को युवा इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लेना चाहिए, जिसे हम देश भर में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. वह इस विचार से सहमत थे.

बता दें कि 'जुड़ेगा विद्यार्थी, जीतेगा इंडिया' नाम का अभियान का प्रस्ताव हाल ही में राहुल ने बेंगलुरु बैठक के दौरान पेश किया था. कुंदन ने कहा कि 'जुड़ेगा विद्यार्थी, जीतेगा इंडिया' अभियान को देश के हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक ले जाया जाएगा. हम इन संस्थानों में सदस्यता अभियान चलाएंगे और वहां नई इकाइयां स्थापित करेंगे.

एनएसयूआई अध्यक्ष के अनुसार, राहुल ने पार्टी की युवा शाखा से कहा कि छात्र ही एकमात्र ताकत हैं जो मौजूदा शासन की ओर से फैलाई गई नफरत की राजनीति को चुनौती दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश की सबसे पुरानी पार्टी है. इसकी यह जिम्मेदारी है कि नफरत और विभाजनकारी के खिलाफ लोगों को एकजूट करे.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में पूर्व जेएनयू छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार को एनएसयूआई का नया एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया है. कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के 4,000 किलोमीटर लंबे रास्ते में राहुल के साथ रहने वाले 200 से अधिक स्थायी साथियों में से एक कन्हैया भी थे. कन्हैया के अलावा, राहुल ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की राष्ट्रव्यापी छात्र लामबंदी योजना में एआईसीसी के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी शामिल किया है.

वेणुगोपाल ने सुझाव दिया कि एनएसयूआई की एक अलग पहचान होनी चाहिए क्योंकि पार्टी के सभी बड़े नेता छात्र आंदोलन से निकले हैं. कुंदन ने कहा कि हमारे आउटरीच के दौरान, मणिपुर हिंसा, नई शिक्षा नीति, भर्ती घोटाले, कैंपस लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और लैंगिक न्याय जैसे मुद्दों पर छात्रों के साथ चर्चा की जाएगी. हमरा ध्यान प्यार फैलाने पर होगा. राहुल ने अप्रैल में दिल्ली के मुखर्जी नगर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से मुलाकात की थी.
उनके मुद्दों पर चर्चा की और इसके बाद मई में दिल्ली विश्वविद्यालय के पुरुष पीजी छात्रावास में बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर देखा गया था. इससे पहले, 2014 में, राहुल ने लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार करने के लिए युवाओं की राय जानने के उद्देश्य से एक बातचीत की थी. उस इंटरैक्टिव सत्र के लिए देश भर से 17 से 35 वर्ष की आयु के और विभिन्न वर्गों से संबंधित लगभग 250 युवाओं को आमंत्रित किया गया था.