बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गुरुवार को एक तेंदुआ जंगल से भटककर कानन पेंडारी जू के पास बिनौरी गांव पहुंच गया। यह खबर आग की तरह फैल गई, जिससे बिनौरी समेत आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। इधर, सूचना मिलने पर आनन-फानन में डीएफओ,एसडीओ से लेकर वन विभाग मौके पर पहुंचा। कानन जू की रेस्क्यू टीम भी बुलाई गई।करीब आधे घंटे तक तलाश करने के बाद तेंदुआ एक उद्यान के पीछे बैठा नजर आया। इस पर उसे पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। इसके लिए जाल बिछाया गया और पिंजरे में मुर्गा बांधा गया। करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद तेंदुआ पिंजरे के अंदर कैद हुआ, जिसके बाद उसे कानन पेंडारी में रखा गया है।

बिनौरी गांव कानन पेंडारी से करीब तीन किमी दूर है। शाम चार बजे के लगभग यह सूचना मिली कि ग्रामीणों ने एक तेंदुआ को देखा है और वह अभी इसी क्षेत्र में है। जब तक वन विभाग को सूचना मिली, गांव में हड़कंप मच गया था। भीड़ भी इकठ्ठा हो गई थी।डीएफओ कुमार निशांत व एसडीओ सुनील कुमार बच्चन वनकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। यहां से रवाना होने से कानन पेंडारी जू की रेस्क्यू टीम को वाहन लेकर भेजा गया। तखतपुर वन परिक्षेत्र की टीम के अलावा तहसीलदार, पटवारी समेत पुलिस को भी सूचना दे दी गई, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मौके पर पहुंचने के बाद टीम तेंदुआ को ढूंढने के लिए सर्चिंग करने लगी। इसी बीच, एक उद्यान के पीछे खेत में बड़े पाइप के अंदर तेंदुआ दुबककर बैठा था।

तेंदुआ देखते ही सबसे पहले ग्रामीणों की भीड़ हटाई गई। ग्रामीणों को घर जाने के लिए कहा गया। दरअसल, भीड़ की वजह से खतरा हो सकता था। तेंदुआ भीड़ को देखकर गुर्रा रहा था और आक्रामक हो गया था। भीड़ कम होने पर रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया गया।जू की टीम जिस पिंजरे के साथ मौके पर पहुंची थी, उसे एक तरफ लगाया गया और दूसरी तरफ जाल बिछाया गया। पिंजरे में मुर्गे को बांधा गया। इसके बाद सावधानीपूर्वक डंडे से तेंदुआ को उठाने का प्रयास किया गया। तेंदुआ मुर्गे की तरफ झपटा और जैसे ही पिंजरे के अंदर घुसा पिंजरे के स्लाइड (दरवाजा) को बंद कर दिया गया। इससे तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। इसके बाद पिंजरे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया, ताकि तेंदुआ लोगों को देखकर आक्रोशित न हो जाए।