वरिष्ठ अभिनेता बीरबल हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। अभिनेता की बेटी शालिनी ने पिता के निधन की पुष्टि की है। बीरबल 85 वर्ष के थे। बता दें कि बीरबल का असली नाम सतेंद्र कुमार खोसला था। वह परिवार में अपने सभी भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। बीरबल ने फिल्म 'शोले' में कैदी के किरदार से खास लोकप्रियता हासिल की।   

बीरबल की बेटी शालिनी के मुताबिक उनके पिता को किडनी संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के मद्देनजर बीते सप्ताह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शालिनी ने कहा, 'एक महीने पहले उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी। हमने तीन-चार दिन पहले उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। मंगलवार शाम को दिल का दौरा पड़ने से अस्पताल में उनका निधन हो गया'।  बीरबल का अंतिम संस्कार आज दोपहर करीब वर्सोवा श्मशान घाट पर किया जाएगा। 

उनके पिता की एक प्रिंटिंग प्रेस थी, जिसे खोसला प्रिंटिंग प्रेस के नाम से जाना जाता था। अभिनेता के माता-पिता चाहते थे कि वह उनके व्यवसाय को संभालने के गुर सीखें। हालांकि, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनने के लिए बड़ी संख्या में सपने संजोए थे। बीरबल की बॉलीवुड में एंट्री जोरदार तरीके से हुई थी। उन्होंने मनोज कुमार की फिल्म उपकार से अपने फिल्म करियर का आगाज किया था।

उन्होंने चार्ली चैपलिन, बूंद जो बन गई मोती और शोले जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन किया है। अभिनेता अपनी जबर्दस्त कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाते थे। उनमें अपनी एक्टिंग से लोगों को गुदगदाने की गजब की कला थी। रोटी कपड़ा और मकान, क्रांति, अमीर गरीब, मेरा आशिक, जाना पहचान, अंजाम, सदमा, दिल और फिर कभी जैसी फिल्म में उन्होंने अपनी अदाकारी का जादू दिखाया। अभिनेता ने 'कामयाब' और 'चोर के घर चोर' जैसी फिल्मों में अपने किरदार के लिए खूब प्रशंसा हासिल की। अपने करियर में उन्होंने हिंदी के साथ पंजाबी, भोजपुरी और मराठी भाषाओं में 500 से अधिक फिल्मों में काम किया।