बीजिंग । विस्तारवादी चीन दूसरे देशों पर दबदबा बनाए रखने के चक्कर में सनकीपन की हद पार कर देता है। ताइवान को अपना बनाने के लिए जुनूनी हो रहा चीन इस बात पर भड़क गया है कि ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका यात्रा के दौरान प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष से क्यों मुलाकात की। बता दें कि प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पैलोसी जब पद पर रहते हुए पिछले साल ताइवान आई थीं, तब भी चीन काफी आगबबूला हुआ था। अब जब ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिका जाकर वर्तमान प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी के साथ मुलाकात की, तब भी चीन भड़क गया है। बता दें कि ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की वाशिंगटन में हुई बैठक पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन के आक्रामक रवैये के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष मैक्कार्थी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई की मेजबानी की और उन्हें ‘‘अमेरिका का करीबी मित्र बताया। उल्लेखनीय है कि ताइवान की नेता के साथ अमेरिकी अधिकारी की यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक है।
इस बीच, चीन और अमेरिका ने अपनी-अपनी नौसेनाओं की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए ताइवान जलडमरुमध्य में विमान वाहक पोतों को गुजारा है। यह जलमडरुमध्य ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से अलग करता है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीनी नौसेना का बेड़ा विमान वाहक पोत शांडोंग के नेतृत्व में ताइवान के दक्षिण पूर्व जल क्षेत्र में पहुंचने से पहले बशी चैनल से गुजरा जो ताइवान को फिलीपीन से अलग करता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन का विमानवाहक पोत पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के अपने पहले अभियान पर निकल रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्री चिऊ कुओ-चेंग ने बताया कि अमेरिका का विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज ताइवान के पूर्वी तट से करीब 400 समुद्री मील दूर गुजर रहा है। उन्होंने कहा, हम निश्चित तौर पर नहीं कह सकते कि वह (निमित्ज) शांडोंग की वजह से वहां मौजूद है। लेकिन इन दोनों घटनाओं का कुछ जुड़ाव हो सकता है।’’
बता दें कि चीन सरकार का दावा है कि ताइवान उसके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है। चीन ने आठ महीने पहले भी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान अपने नौसेना बेड़े को जलडमरुमध्य में भेजा था और मिसाइल दागी थीं। चीन ने इसी तरह का शक्ति प्रदर्शन अमेरिका में केविन मैक्कार्थी की साई के साथ हुई मुलाकात के बाद किया है।
वहीं ताइवानी राष्ट्रपति की अमेरिकी नेता से मुलाकात पर टिप्पणी कर चीन के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अमेरिका, ‘‘ताइवान और अमेरिका के अधिकारियों के बीच मुलाकात और अमेरिका-ताइवान संबंधों को बढ़ाकर ताइवान के अलगाववादियों को मंच प्रदान कर रहा है।’’ हालांकि मैक्कार्थी और साई कैलिफोर्निया में रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में एकजुटता दिखाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए नजर आए और ताइवान सरकार के खिलाफ चीन के खतरे को स्वीकार करते हुए दीर्घकालिक अमेरिकी नीति को बनाए रखने की बात की।