भोपाल । मध्यप्रदेश के तकरीबन 20 जिलों सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, पन्ना, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानुपर, रतलाम, देवास, उज्जैन, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर में भारी वर्षा हो सकती है।मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश से होकर गुजरने एवं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के बनने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका राजस्थान, उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश के सीधी से होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के ऊत्तरी भाग में एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक जबलपुर में 73.8, पचमढ़ी में 27, मलाजखंड में 14, सागर में 13, मंडला में आठ, खजुराहो में 7.8, नौगांव, धार में पांच, शिवपुरी, उमरिया, दमोह, सतना एवं सीधी में चार, नर्मदापुरम में तीन, गुना में 0.6, ग्वालियर में 0.5, छिंदवाड़ा में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात सागर में 142, सिवनी में 81.4, नर्मदापुरम में 54 मिमी. वर्षा हुई।पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और मानसून द्रोणिका के मप्र से होकर गुजरने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इससे रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला लगातार बना रह सकता है।