कमजोर प्रत्याशी मोदी का संसद का रास्ता करगे आसान
वाराणसी । लोक सभा चुनाव -2024 के शेष चार चरणों की तिथि धीरे -धीरे करीब आ रही है। सच पूछिए तो 77-वाराणसी संसदीय सीट पर सबकी निगाहें टिकी है। इंडिया गठबंधन के इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय तथा बसपा के प्रत्याशी अतहर जमाल लारी ने आज अपना पर्चा दाखिल कर दिया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13मई को रोड शो के बाद 14मई को वाराणसी में अपना पर्चा दाखिल कर तीसरी बार वाराणसी से सांसद चुनने के लिए यहां की जनता से आशीर्वाद मांगेगे। 2014 में जब प्रधानमंत्री वाराणसी संसदीय सीट से अपना पर्चा भरने आये थे तो यहां की जनता को इमोशनली प्रभावित किया था और कहा था की मुझे यहां कोइ और नहीं माँ गंगा ने बुलाया है। 2014के चुनाव में यहां की जनता ने मोदी पर अपना प्यार लुटाया और 381022मतों से विजय दिलाकर संसद में भेजा था।मोदी ने 2019 का चुनाव देश की सुरक्षा और विकास के नाम पर जीता और वाराणसी की जनता ने उनपर भरोसा जताया और रिकॉर्ड मत 674604 मतों से विजय का सेहरा मोदी जी के सिर पर बांधा।2024के लोकसभा चुनाव में यहाँ कोइ शोर है न कोइ प्रचार। मोदी की शौभाग्य है की वाराणसी में कोइ ऐसा दमदार प्रत्याशी नहीं है जो मोदी जी को तीसरी बार टक्कर दे सके। इंडिया गठबंधन एवं बसपा का कमजोर प्रत्याशी होने के कारण मोदी की संसद की राह आसान होती दिख रही है। वैसे पिछले लोकसभा चुनावों में अजय राय का प्रदर्शन बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है।2009 के संसदीय चुनाव में जब मुरली मनोहर जोशी यहां से भाजपा सांसद निर्वाचित हुए थे तब अजय राय समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े थे और उन्हें वाराणसी लोकसभा से मात्र 123874मत प्राप्त हुए थे।2014में वाराणसी लोकसभा से अजय राय इंडियन नेशनल कांग्रेस से चुनाव लड़े और 75614मतों से संतोष करना पड़ा था। इसी प्रकार 2019के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से अजय राय पुनः इंडियन नेशनल कांग्रेस के बैनर से चुनाव लड़े,2014की तुलना में 2019में मतों में कुछ इजाफा जरूर हुआ और कुल मामला 152548पर जाकर सिमट कर रह गया। इंडिया गठबंधन इसबार के चुनाव में संविधान को बचाना अपना मुख्य मुद्दा बनाया है,लेकिन हर हर महादेव की नगरी वाराणसी में इसका कोइ खास प्रभाव नहीं दीखता।