इम्फाल । मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। ताजा घटनाक्रम में दो लापता युवकों के शव बरामद हुए थे, जिसके बाद इलाके में तनाव फिर से बढ़ गया था। इन छात्रों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी सामने आई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब मणिपुर सरकार ने 19 थाना क्षेत्रों को छोडक़र पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। पूरे राज्य में इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
मणिपुर गृह विभाग की ओर से आज जारी हुई अधिसूचना के मुताबिक, विभिन्न चरमपंथी समूहों की हिंसक गतिविधियों की वजह से पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है। इनमें इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग और जिरीबाम भी शामिल हैं। हालांकि राज्य के 19 पुलिस स्टेशन में शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र से बाहर रखा गया है।
मणिपुर की राजधानी इंफाल में मुख्यमंत्री सचिवालय से करीब 200 मीटर दूर मोइरांगखोम में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए सुरक्षा बलों ने बुधवार को आंसू गैस के कई गोले छोड़े जिसमें कई छात्र घायल हो गए। ये छात्र जुलाई में लापता हुए दो युवाओं के अपहरण और हत्या के खिलाफ इंफाल के हाऊ ग्राउंड से शुरू हुई एक रैली में भाग ले रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हमें न्याय चाहिए के नारे लगा रहे छात्र मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के बंगले की ओर कूच रहे थे।
रैली की अगुवाई कर रहे छात्र नेता लनथेंग्बा ने पत्रकारों से कहा, हमारी मांग है कि दोनों छात्रों के हत्यारों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाए और अंतिम संस्कार के लिए उनके शव बरामद किए जाएं। हम अपनी शिकायतों के निवारण के लिए मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करना चाहते हैं। जब हमारे मित्रों और सहपाठियों की बेरहमी से हत्या की जा रही है तो हम अपनी पढ़ाई कैसे जारी रख सकते हैं?