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भोपाल। मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर बड़ा प्रशासनिक मामला सामने आया है। प्रदेश में नियमित और अस्थायी मिलाकर करीब 50 हजार अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन बीते छह माह से कोषालय से आहरित नहीं हुआ है।

ये सभी कर्मचारी दिसंबर 2024 से वेतन नहीं ले रहे, जबकि इनका रिकॉर्ड कोषालय में मौजूद है और प्रत्येक को कर्मचारी कोड आवंटित है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ये कर्मचारी आखिर कहां हैं और क्या कार्य कर रहे हैं?

इस संदर्भ में आयुक्त कोष एवं लेखा भास्कर लक्षकार ने सभी छह हजार आहरण एवं संवितरण अधिकारियों (DDO) से रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट 15 जून तक जिला कोषालयों के माध्यम से एकत्र की जाएगी, जिससे यह स्थिति स्पष्ट होगी कि इन कर्मचारियों के वेतन आहरण में देरी के पीछे क्या कारण हैं।

आखिर क्यों नहीं निकला वेतन?

  • वित्त विभाग की एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS) में सभी कर्मचारियों का विवरण डिजिटल रूप में दर्ज है। हर कर्मचारी का वेतन उनके आधार से लिंक बैंक खाते में सीधे अंतरित होता है। जब दिसंबर 2024 के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि लगभग 50 हजार कर्मचारियों का वेतन आहरित ही नहीं हुआ है।
  • विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह अनियमितता नहीं बल्कि तकनीकी या प्रशासनिक कारण हो सकते हैं। कई कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं, कुछ सेवानिवृत्त हो चुके होंगे, निलंबन अवधि या मृत्यु जैसी स्थितियों में भी वेतन नहीं बनता। फिर भी, इन सभी तथ्यों का अद्यतन होना आवश्यक है, ताकि भविष्य में भ्रम या घोटाले की स्थिति उत्पन्न न हो।