अमेठी । भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मरीज की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को लेकर योगी सरकार पर कटाक्ष किया। एक्स पर वरुण गांधी ने लिखा कि सवाल संजय गांधी अस्पताल के 450 कर्मचारियों और उनके परिवार का ही नहीं, रोज सैकड़ों की संख्या में इलाज कराने वाले सूबे की आम जनता का भी है। उनकी पीड़ा के साथ न्याय ‘मानवता की दृष्टि’ ही कर सकती है, ‘व्यवस्था का अहंकार’ नहीं। कहीं ‘नाम’ के प्रति नाराजगी लाखों का ‘काम’ न बिगाड़ दे।
इसके पहले वरुण गांधी ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र लिखकर अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को पूरी तरह से जांच किए बिना निलंबित करना उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो संस्थान पर निर्भर हैं। दरअसल एक महिला मरीज की मौत के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था, जिसे 14 सितंबर को एक छोटे ऑपरेशन के लिए वहां भर्ती कराया गया था। 
उनके पति ने आरोप लगाया कि उन्हें एनेस्थीसिया की अधिक मात्रा दी गई, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और अंततः उनकी मृत्यु हो गई। इसके जवाब में संजय गांधी अस्पताल के चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और अस्पताल को बंद करने का नोटिस जारी किया गया। यूपी सरकार का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई एक स्थानीय समिति द्वारा मामले की जांच के बाद की गई थी।