मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देगा संघ
चेन्नई । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तमिलनाडु में 6 नवंबर को होने वाले अपने मार्च और अन्य कार्यक्रम स्थगित करने और शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों को अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। आरएसएस के सूत्र ने शनिवार को पुष्टि की है कि संगठन ने मार्च निकालने और जनसभाएं आयोजित करने के कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में 50 के बजाय 44 स्थानों पर कुछ शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दी थी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देगा संघ
चेन्नई (ईएमएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तमिलनाडु में 6 नवंबर को होने वाले अपने मार्च और अन्य कार्यक्रम स्थगित करने और शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों को अनुमति देने के मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। आरएसएस के सूत्र ने शनिवार को पुष्टि की है कि संगठन ने मार्च निकालने और जनसभाएं आयोजित करने के कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में 50 के बजाय 44 स्थानों पर कुछ शर्तों के साथ इन कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति दी थी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया था कि वह संघ को छह नवंबर को राज्य में 44 जगहों पर ‘मार्च’ निकालने और जनसभाएं करने की अनुमति दे। न्यायमूर्ति जी के इलानथिरैयां ने महज खुफिया विभाग की सूचनाओं के आधार पर राज्य में 47 जगहों पर रैली की अनुमति नहीं देने को लेकर पुलिस को फटकार लगाने के बाद उक्त निर्देश जारी किए थे। खुफिया विभाग ने भी तमिलनाडु में कुछ ही जगहों के संबंध में कानून-व्यवस्था को लेकर इस तरह की सूचना दी थी।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कहा था कि राज्य में उन छह जगहों पर रैलियों की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि वहां हालात सही नहीं हैं। ये छह जगहें कोयंबटूर, मेत्तुपलयाम, पोल्लाची (तीनों कोयंबटूर जिले में), तिरुपुर जिले में पल्लादम, कन्याकुमारी जिले में अरुमनाई और नागरकोईल हैं। अदालत ने कहा था कि अगर इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है,तब संबंधित पुलिस अधिकारी कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। आरएसएस ने राज्य में 50 जगहों पर रैली करने की अनुमति मांगी थी। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से तमिलनाडु में आरएसएस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के ऊपर हमले की घटनाएं काफी बढ़ने लगी हैं। इस लेकर बीजेपी ने राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर कई आरोप लगाए हैं।