लखनऊ । प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के प्रयासों में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसमें लगातार कामयाबी मिल रही है। हाल ही में एनेक्सी में कानून व्यवस्था की हाई लेवल मीटिंग में तब इसकी पुष्टि हुई, जब यूपी पुलिस के उच्च अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पिछले आठ माह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश में पिछले छह वर्षों में जघन्य अपराध हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार के मामलों में काफी कमी दर्ज की गयी है। बैठक में इन मामलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करने और लगाम लगाने वाले ‘टॉप फाइव और बॉटम फाइव’ जिलों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों के अधिकारियों को सुधार लाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अगले माह की बैठक में उनकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिली तो एक्शन लिया जाएगा। 
उत्तर प्रदेश में पिछले आठ माह में हत्या के 1921 अभियोग पंजीकृत किये गये, जिसमें से 1322 में आरोप पत्र एवं 90 में अन्तिम रिपोर्ट लगायी। वहीं 509 विवेचनाधीन हैं। पिछले छह वर्षों में प्रदेश में हत्या में 9.02 प्रतिशत की कमी आयी है। उक्त अभियोगों में संलिप्त 4705 अभियुक्तों में से 4230 अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही गयी तथा 475 अभियुक्त वांछित हैं, जिसके लिये लगातार छापेमारी की जा रही है। वहीं महोबा, श्रावस्ती, सीतापुर, जालौन और कौशाम्बी में मामले बढ़े हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस जिलों के अधिकारियों को इन पर लगाम लगाने के निर्देश दिये हैं। वहीं हत्या के मामलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वालों में अमरोहा, झांसी, जालौन और हरदोई शामिल हैं, जबकि चंदौली, औरेया, ललितपुर और बांदा का प्रदर्शन खराब रहा है। इस सीएम ने इन जिलों के अधिकारियों को सुधारने लाने के साथ सख्त चेतावनी दी है। 
इसी तरह प्रदेश में लूट के 789 अभियोग पंजीकृत किये गये, जिसमें से 589 में आरोप पत्र एवं 20 में अन्तिम रिपोर्ट लगायी। वहीं 180 विवेचनाधीन हैं। पिछले आठ माह में प्रदेश में लूट के 24.61 प्रतिशत की कमी आयी है। उक्त अभियोगों में संलिप्त 2222 अभियुक्तों में से 2118 अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही गयी तथा 104 अभियुक्त वांछित हैं, जिसके लिये लगातार छापेमारी की जा रही है। वहीं महाराजगंज, ललितपुर, संतकबीरनगर, बलरामपुर और कासगंज में मामले बढ़े हैं। लूट के मामले में एकाएक कार्रवाई करने वाले जिलों में फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर और पीलीभीत शामिल हैं जबकि प्रयागराज कमिश्नरेट, कौशांबी, देवरिया, अमेठी और महोबा का प्रदर्शन खराब रहा। 
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेशभर में डकैती के 30 अभियोग पंजीकृत किये गये, जिसमें 18 में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। वहीं 12 मामले विवेचनाधीन हैं। पिछले 6 वर्षों में प्रदेशभर में डकैती में 16.22 प्रतिशत की कमी आयी। इन अभियोगों में संलिप्त कुल 224 अभियुक्तों में से 200 अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही की गयी तथा 24 अभियुक्त वांछित हैं। वहीं कुछ जिलों में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें वाराणसी कमिश्नरेट, झांसी, अमेठी, औरैया और कन्नौज शामिल हैं। वहीं फिरोजाबाद, बाराबंकी, सीतापुर, ललिपुर और कासगंज ने डकैती के मामलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करने में अच्छा प्रदर्शन किया है जबकि कन्नौज, हाथरस, बदायूं, औरेया और प्रयागराज कमिश्नरेट का प्रदर्शन खराब रहा। 
इसी तरह प्रदेश में रेप के 1869 अभियोग पंजीकृत किये गये, जिसमें 1359 में आरोप पत्र एवं 220 में अन्तिम रिपोर्ट प्रेषित की गयी। वहीं 290 विवेचनाधीन हैं। इन अभियोगों में संलिप्त कुल-2578 अभियुक्तों में से 2325 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवई की गयी तथा 253 अभियुक्त वांछित हैं। बलात्कार में कुछ जिलों में वृद्धि हुई है, जिसमें फतेहगढ़, सीतापुर, खीरी, कौशांबी और हमीरपुर हैं। वहीं बलात्कारियों पर कहर बन तेजी से कार्रवाई करने वाले टॉप पांच जिलों में बदायूं, मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा और संभल शामिल हैं जबकि प्रयागराज कमिश्नरेट, शाहजहांपुर, बलरामपुर, कौशाम्बी और फतेहपुर का प्रदर्शन काफी खराब रहा।