यूक्रेनी सेना ने रूस के कब्जे से छीने 3 गांव
कीव । यूक्रेन ने यह दावा किया है कि उसके सैनिकों ने दक्षिण-पूर्व में रूसी सेना के कब्जे से दो गांवों को छीन लिया है और फिर से उस पर अपना कब्जा जमा लिया है। रूस पर यूक्रेनी सेना की जवाबी कार्रवाई शुरू करने के बाद यह अपने गावों पर फिर कब्जा जमाने की यह दूसरी रिपोर्ट है। यूक्रेन के उप रक्षा मंत्री ने रविवार को कहा कि यूक्रेन की सेना ने पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र के एक अन्य अग्रिम पंक्ति के गांव मकारिवका पर फिर से कब्जा कर लिया है और सीमावर्ती गांवों में कई मोर्चों पर सेना आगे बढ़ गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक रक्षा अधिकारी ने मीडिया को बताया कि ब्लाहोदत्ने और मकारिवका बस्तियों को रूसी कब्जे से मुक्त करा लिया गया है। तीसरे गांव नेस्कुचने पर भी रविवार को एक यूक्रेनी सेना ब्रिगेड के कब्जे का दावा किया गया है। हालांकि कीव के रक्षा नेताओं ने अभी तक उस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रूसी सैन्य ब्लॉगर्स ने भी अनौपचारिक मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन की 68वीं जैगर ब्रिगेड द्वारा रविवार को जारी एक असत्यापित वीडियो में सैनिकों को बमबारी वाली इमारत पर यूक्रेन का झंडा फिर से फहराते हुए दिखाया गया है। जहां झंडा फहराया गया है, उसकी पहचान दोनेत्स्क क्षेत्र में ब्लाहोदत्ने गांव के रूप में की गई है। यूक्रेन की एक प्रादेशिक रक्षा इकाई ने टेलीग्राम पर अपने सैनिकों के असत्यापित फुटेज पोस्ट किए हैं जिसमें उसके सैनिक रूसली सीमा के सबसे करीब के गांव नेस्कुचने में अपना झंडा थामे हुए दिखाई दे रहे हैं।
वहीं ज़ेलेंस्की ने अपने रात्रिकालीन संबोधन में ये भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने नोवा कखोवका बांध ढहने की जांच शुरू कर दी है। दक्षिणी यूक्रेन में नोवा कखोवका बांध के टूटने से यूरोप में सबसे बड़ी औद्योगिक और पारिस्थितिक आपदा आई है। बांध टूटने से आए जल प्रलय ने पूरे गांवों को नष्ट कर दिया, खेतों में बाढ़ आ गई, हजारों लोगों को बिजली और साफ पानी से वंचित कर दिया और बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय नुकसान पहुंचाया है।