प्रौद्योगिकी से होगा भारत-अमेरिका संबंधों की वास्तविक क्षमता का आंकलन
वाशिंगटन । भारत अमेरिका संबंधों की वास्तविक क्षमता का आंकलन प्रौद्योगिकी से होगा। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने भारत-अमेरिका साझेदारी को और तेजी से बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी की ताकत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक क्षमता को सामने लाने का सबसे अहम जरिया प्रौद्योगिकी ही है। संधू का यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा से ठीक पहले आया है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान, वह कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। राजदूत संधू ने कहा, यदि आप मुझसे पूछें कि मैं सबसे ज्यादा किसकी वकालत करूंगा, इस संबंध के लिए सबसे अधिक फायदेमंद क्या है और वास्तव में वैश्विक हित किसमें है, वह प्रौद्योगिकी है। यह संबंधों की वास्तविक क्षमता को सामने लाने का सबसे अहम जरिया है। उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हमारे बीच काफी तालमेल है। यह उतनी ही रणनीतिक है जितनी वाणिज्यिक।
संधू ने ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ के वार्षिक ‘इंडिया आइडियाज समिट’को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा, करीब साढ़े चार महीने पहले ही हमने एनएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो दोनों की उपस्थिति में इसी स्थान पर आईसीईटी इंडस्ट्री राउडंटेबल’ शुरू किया था। उन्होंने कहा, आज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन दिल्ली में हैं, जो आईसीईटी की पहले दौर की चर्चा को वहां आगे बढ़ाएंगे। गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2022 में महत्वपूर्ण एवं उभरती हुई प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) संबंधी पहल की घोषणा की थी। इसका मकसद दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों व शिक्षण संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाना व विस्तारित करना है।