भोपाल । चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार को हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों एवं समस्त स्टाफ के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को अस्पताल में आनेवाले मरीजों को रिकॉर्ड समय में उचित उपचार उपलब्ध करवाने के लिये मार्गदर्शित किया। मंत्री सारंग ने कहा कि NMC के मापदंड के अनुसार हमने 13 मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना की है। इमरजेंसी मेडिसिन (आकस्मिक चिकित्सा) विभाग किसी भी अस्पताल की चिकित्सीय सेवाओं का आईना होता है। उन्होंने कहा कि हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में आने वाले गंभीर मरीज़ों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में मरीज को पहले उपचार उपलब्ध कराया जायेगा। बाद में पंजीयन करवाने की सुविधा दी जायेगी।

पहले उपचार फिर रजिस्ट्रेशन
मंत्री सारंग ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीज का अब रजिस्ट्रेशन नहीं पहले उपचार होगा। उन्होंने कहा कि जब भी इमरजेंसी में कोई मरीज आता है तो पहली प्राथमिकता उसे सही समय पर सही उपचार उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है। परंतु पंजीयन में समय लग जाने से कई बार मरीजों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता। इसमें व्यवहारिक परिवर्तन करते हुए हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में सर्वप्रथम मरीज को ईलाज उपलब्ध कराया जायेगा। फिर उसका पर्चा भरा जायेगा।

रिकॉर्ड समय में मिलेगा इलाज
मंत्री सारंग ने बताया कि हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसन विभाग में मरीज के आने से लेकर उसके इलाज मिलने व अस्पताल से जाने तक का रिकॉर्ड डेशबोर्ड के माध्यम से स्क्रीन पर देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने में पारदर्शिता आयेगी। 

मरीजों को मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधा
मंत्री सारंग ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में उपचार के लिये आने वाले मरीज़ों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किये गये हैं। यहां मानक मापदंड के अनुसार आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। पृथक प्रवेश द्वार एवं एम्बुलेंस डॉक-इन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही यह विभाग में वेंटिलेटर, डीफिब्रिलेटर, मल्टीपैरा मॉनिटर, इंफ्यूजन पंप, क्रैश कार्ट, फाउलर बेड जैसे आधुनिक उपकरणों से लैस होगा। यहां आने वाले मरीजों को गंभीरता के आधार पर रेड, येलो एवं ग्रीन झोन में विभाजित किया जायेगा। जिससे उन्हें सही उपचार मिल सके।

एम्स नई दिल्ली के ट्रामा सेंटर में होगा विशेष प्रशिक्षण
मंत्री सारंग ने बताया कि डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ को एम्स नई दिल्ली के ट्रामा सेंटर के विशेषज्ञों से ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जायेगी। इसका उद्देश्य है कि इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीज को गोल्डन आवर में उपयुक्त इलाज प्रदान कर उसकी जान को बचाने का प्रयास किया जाना है।

सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग से बदलेगा व्यवहार
मंत्री सारंग ने बताया कि इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में काम करने वाले डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं सहयोगी स्टाफ को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग प्रदान की गई है। इससे वे गंभीर स्थिति में आने वाले मरीज एवं उनके परिजनों से विनम्रता पूर्वक हैंडल करना सिखाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे मरीज की शासकीय अस्पतालों के प्रति मानसिकता बदलेगी।   

मंत्री सारंग ने ट्रेनिंग लेकर आये स्टॉफ से जाना अनुभव
मंत्री सारंग ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर्स एवं स्टाफ के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संवाद के दौरान उनका अनुभव जाना। इस दौरान उन्होंने बताया कि ट्रैनिंग के दौरान यह मरीज को अटेंड करने के दौरान सही जानकारी उपलब्ध कराई जाये। जिससे उन्हें सही समय पर जांच व उपचार मिल सके। मरीज के साथ अपनत्व की भावना के साथ विनम्रतापूर्वक पेश आया जाये। जिससे वे अस्पताल की अच्छी छवि लेकर जाये।

मंत्री सारंग ने किया इमरजेंसी वार्ड निरीक्षण
चिकित्सकों व स्टाफ से संवाद के पश्चात मंत्री सारंग ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मरीजों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी। जिसपर उन्होंने संतुष्टि व्यक्त की। इस अवसर पर संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अरविंद राय, हमीदिया अस्पताल अधिक्षक डॉ. आशीष गोहिया, विभागाध्यक्ष डॉ. रूचि टंडन भी उपस्थित रहे।