बढ़ते तापमान से तबाह हो जाएगी धरती, वैज्ञानिक हो रहे चिंतित
लंदन । बढ़ते तापमान से दुनिया के खगोलविद चिंतित हो रहे हैं। उनका अनुमान है कि बढ़ते तापमान से धरती तबाह हो जाएगी और यह सब 2025 से पहले ही घटित हो सकता है। इसलिए दुनिया भर में बढ़ते तापमान को लेकर वैज्ञानिक व खगोलविद चिंतित हैं। कई सारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले वर्षों में दुनिया भर का तापमान बढ़ने वाला है। ऐसे में एक और खबर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। दरअसल, सूर्य में सोलर एक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। जबकि खगोलविदों को इस बात का अंदाजा बिल्कुल भी नहीं था कि ऐसा 2025 से पहले होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस साल के अंत तक सूर्य का अधिकतम तापमान बढ़ने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक, एलेक्स जेम्स ने बताया कि सूर्य का तापमान समय से पहले चरम पर पहुंचने वाला है और अपेक्षा से अधिक इसका तापमान होगा। सौर ऊर्जा बढ़ने से पृथ्वी पर कई गंभी समस्याएं शुरू हो सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर अधिकतम के दौरान, सूर्य पर चुंबकीय क्षेत्र अपने सबसे निचले स्तर पर होता है, जो पृथ्वी के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र एक ढाल के रूप में कार्य करता है जो सौर विकिरण को रोकता है और सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) को भी रोकता है।
नासा के मुताबिक सनस्पॉट वे क्षेत्र हैं, जो सूर्य की सतह पर काले रंग के दिखाई देते हैं। वे काले रंग के इसलिए दिखाई देते हैं क्योंकि वे सूर्य की सतह के अन्य हिस्सों की तुलना में ठंडे हैं। सूर्य के धब्बों के पास चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं पुनर्गठित होने पर विस्फोट का कारण बनती हैं, जिससे सौर ज्वालाएं उत्पन्न होती हैं। यह अंतरिक्ष में बहुत सारा विकिरण छोड़ता है। नासा ने कहा कि विस्फोट से विकिरण निकलता है जो पृथ्वी पर हमारे रेडियो संचार में हस्तक्षेप कर सकता है। इसके अलावा, एक और चिंता का विषय सौर तूफान की घटनाएं हैं, जिनमें भारी मात्रा में सीएमई होती है, जो अंतरिक्ष से यात्रा करके पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराती है। उनके प्रभाव से भू-चुंबकीय तूफान उठ सकता है। इसके चलते सैटेलाइट, संचार, इंटरनेट कनेक्टिविटी और जीपीएस बाधित या क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।