कोयला खदान पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच बढ़ा विवाद
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बिजली संयंत्रों के लिये छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला ब्लॉक की मंजूरी में देरी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने पत्र में राज्य में बिजली संयंत्रों के लिये छत्तीसगढ़ से कोयला खनन को लेकर तेजी से मंजूरी को उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया है। इस मामले में सोनिया गांधी को लिखा गया यह तीसरा पत्र है। राजस्थान के बिजली घरों को कोयला खानें छत्तीसगढ़ में मिली हैं, लेकिन राज्य स्तर पर मंजूरी में देरी से अधिकतर कोयला खनन का कार्य अटका पड़ा है। सीएम अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा है कि अगर सोनिया गांधी इस मामले पर हस्तक्षेप नहीं करतीं हैं तो बहुत गंभीर परिणाम होंगे। कोयला निकासी समय से नहीं हुई तो राजस्थान में बिजली संकट आ सकता है।
सीएम अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा है कि, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मामले में हस्तक्षेप करें और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को सलाह दें कि भविष्य में राज्य में बिजली संकट से बचने के लिये राजस्थान को जल्द-से-जल्द खनन गतिविधियों को शुरू करने को लेकर कोयला ब्लॉक के लिये सभी जरूरी लंबित मंजूरियां सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, यह राजस्थान सरकार के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और इससे अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि दोनों राज्य कांग्रेस शासित हैं।
सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा कि यदि नई खानों में देरी होती है और मौजूदा खदानों में कोयले की कमी हो जाती है, तो राजस्थान में शुल्क दरों में और वृद्धि होगी क्योंकि कोयला या बिजली अथवा दोनों बहुत अधिक लागत पर बाहरी स्रोत से लेने को मजबूर होना पड़ेगा। इसका नकारात्मक राजनीतिक असर हो सकता है क्योंकि हाल ही में बिजली दरों में 33 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई थी। इस वृद्धि से राज्य में बिजली महंगी हो गयी है।