टीवी एंकर के इश्क में पड़े चीनी विदेश मंत्री किन गांग
बीजिंग । चीनी विदेश मंत्री किन गांग 25 जून के बाद से कहीं नहीं नजर आए हैं। गांग को उस समय श्रीलंकाई विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान देखा गया था। उसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं लग रहा है। किसी विदेश मंत्री का इतने दिनों तक गायब रहना काफी हैरान करने वाला वाक्य है। उनकी गुमशुदगी के साथ ही एक मशहूर टीवी एंकर के साथ उनके अफेयर के चर्चे भी तेजी से शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि 57 साल के किन इस समय 40 साल की न्यूज एंकर फू शियाओटिऑन के इश्क में गिरफ्तार हैं।
किन गांग को चीन की वोल्फ वॉरियर डिप्लोमैसी के लिए जाना जाता है। यूके और अमेरिका में राजदूत रहे किन के लापता होने की खबरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाई हुई हैं। फू शियाओटिऑन को भी काफी दिनों से कही नहीं देखा गया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। फू के साथ अफेयर की खबरों के बाद से ही उनकी र्फ्लटिंग स्टाइल वाली इंटरव्यू टेक्निक के बारे में जमकर बातें हो रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब फू ने हाई रैकिंग चीनी अधिकारियों की तरफ ध्यान लगाया तब उन्होंने सुरक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन भी किया।
जिस समय किन को स्टेट काउंसिलर की जिम्मेदारी संभाली थी तब फू ने अपने बेटे की एक फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर शेयर की थी। उन्होंने एक विजयी शुरुआत कैप्शन के साथ फोटो अपलोड की थी। इससे कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि वह विदेश मंत्री को बधाई दे रही थीं। गायब होने से पहले आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट पर फू ने एयरक्राफ्ट की फोटो शेयर की थी। इसके साथ उन्होंने किन के साथ इंटरव्यू का एक स्क्रीन शॉट और अपने बेटे के साथ अपनी एक फोटो शेयर की थी। इन फोटोग्राफ्स ने चीनी अधिकारियों को परेशान कर दिया। शियाओटिऑन फीनिक्स टेलीविजन से जुड़ी हैं जिस पर चीन का मालिकाना हक है और इसका मुख्यालय हांगकांग और शेन्जेन में है।
शियाओटियन को इटली की सरकार और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ से उन्हें अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी वाला दर्जा मिला हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक शियाओटियन पर ब्रिटिश इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट से जुड़े होने का आरोप है। 10 मई 2019 को, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के चर्चिल कॉलेज में फू शियाओटियन के नाम पर एक गार्डन का नाम रखा गया है। फू यहां से ही पढ़ी हैं। कैम्ब्रिज जैसीप्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी किसी शख्स के नाम पर बगीचे का नाम तब तक नहीं रखेगी जब तक कि वह कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त न हो। बगीचे का नाम फू के नाम पर रखे जाने पर चीनी सरकार ने नाराजगी जताई थी।