आखिरकार वैज्ञानिकों ने किया पहेली को सुलझाने का दावा


लंदन । क्या आप इसका जवाब जानना चाहेंगे कि धरती पर पहले मुर्गा आया या फिर अंडा? ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अजीबोगरीब सवाल का जवाब ढूंढ निकाला है और बताया है कि आखिरकार ये पता चल गया है कि धरती पर अंडे से पहले मुर्गा आया था। इसके पीछे जो थ्योरी बताई गई है, वो काफी अलग है।शायद कुछ लोग इससे संतुष्ट न भी हों, लेकिन जो वैज्ञानिक तथ्य इसके जवाब के सपोर्ट में आते हैं, उनमें दम हों। यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक मुर्गे-मुर्गियों पहले से ऐसे नहीं थे। वे पहले इंसानों की तरह ही बच्चों को जन्म दिया करते थे।अंडे तो लाखों-करोड़ों साल पहले मुर्गे के पूर्वज डायनोसॉर दिया करते थे।
हालांकि अब वैज्ञानिकों ने इस थ्योरी को नकाल दिया है और उनका कहना है कि मुर्गे के पूर्वज बच्चों को जन्म देते थे।ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और नानजिंग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का मानना है कि अंडे देने वाले जानवरों की प्रजातियों का विकास बच्चे देने वाली प्रजातियों से हुआ।ये प्रजातियां दोनों की क्षमता रखती थीं।वे अंडे भी दे सकते थे, लेकिन ऐसा बाद में हुआ यानि मुर्गे-मुर्गियां पहले ही मौजूद थे।रिसर्चर्स का कहना है कि सांप और छिपकलियां अंडे भले ही देती हैं, लेकिन वे बच्चों को भी जन्म दे सकते हैं क्योंकि इन्हें हैचिंग की ज़रूरत नहीं होती। बच्चे को जन्म देने की क्षमता का अलग-अलग होना एक्सटेंडेड एम्ब्रायो रेटेंशन की वजह से होता है।चिड़िया, मगरमच्छ और कछुए ऐसे अंडे देते है, जिसमें भ्रूण बिल्कुल बना भी नहीं होता है, जबकि कुछ जीव ऐसे होते हैं , जो अंदर से ही भ्रूण के विकास के साथ अंडे देते हैं।