वास्तु के अनुसार बनायें घर
अगर आप घर बनवाते समय वास्तु का ध्यान रखेंगे तो जीवन में कई परेशानियों से बचे रहेंगे। घर में हमेशा दक्षिणी हिस्से में ही सीढ़ियां बनवानी चाहिए, इससे घर में धन का आगमन सुचारु रूप से होता है। घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से तथा उत्तर दिशा में फव्वारा लगाना समृद्धि कारक होता है। इस दिशा में छत पर वाटर टैंक लगाना अच्छा होता है।घर के दक्षिणी हिस्से में यदि तुलसी लगी हो, तो उसे तुरंत वहां से हटा लेना चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा यम की है और इस दिशा में तुलसी लगाने से घरवालों को अनके प्रकार के रोग व कष्ट झेलने पड़ते है।घर के उत्तरी हिस्से से दक्षिणी हिस्से को हमेशा ऊंचा रखना चाहिए। घर का दक्षिणी हिस्सा उत्तरी हिस्से से जितना ऊंचा होगा, उतनी ही सुख समृद्धि का वास होगा।
मुख्यद्वार सबसे अहम
घर के मुख्यद्वार पर कभी कीचड़, गड्ढा या गंदा पानी नहीं बहना चाहिए, इससे घर में दरिद्रता आती है।
धन की कामना करने वाले को कभी भी देशी घी को जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। सात मुखी रुद्राक्ष को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इसे धारण करने से दरिद्रता दूर होती है पर रुद्राक्ष धारणकर्ता को मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए
घर में जल का प्रवाह हमेशा उत्तर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना चाहिए इससे धन की वृद्धि होती है। घर के ड्राइंग रूम में कभी फालतू का सामान या पुरानी वस्तुएं कभी नहीं रखनी चाहिए। इससे समृद्धि में रुकावट आती है। घर के ईशान कोण या मध्य में भूलकर भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए, इससे घर में अशांति और दरिद्रता आती है। घर के मुख्यद्वार के अंदर दक्षिणी दीवार के पास मनीप्लांट का पौधा लगाना श्रेयस्कर होता है।
भूखंड तिकोना न हो
घर में कभी सामान इधर उधर बिखराकर नहीं रखना चाहिए। घर के मुख्यद्वार में घुसते ही न ही सीधी सीढ़ी होनी चाहिए न ही सीधा अंदर का रास्ता होना चाहिए, घर में एक सीध में तीन द्वार होना भी हानिकारक होता है। घर के लिए कभी भी तिकोना भूखंड नहीं चुनना चाहिए, ऐसे भूखंड में हमेशा रोग और बीमारी लगे रहते हैं और कुछ न कुछ अशुभ ही होता रहता है। घर में कभी भी टूटे फूटे बर्तन, टूटा पलंग या खाट नहीं रखनी चाहिए, इससे घर में दरिद्रता का वास होता है।
लक्ष्मी की कामना करने वाले को कभी भी भगवान विष्णु को कनेर का पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए ऐसा शास्त्रों का कथन है।
घर की दक्षिण दिशा में पहाड़ का चित्र लगाने से समृद्धि आती है। बंद गली के अंतिम मकान जहां गली खत्म होती हो, उसमें नहीं रहना चाहिए। दीपक, पलंग या कैथे के पेड़ की छाया में कभी नहीं बैठना चाहिए इससे दरिद्रता आती है।