मस्तिष्क प्रत्यारोपण का परीक्षण करने की मंजूरी मिली
वॉशिंगटन । दुनिया भर के अमीरों में विशेष स्थान रखने वाले एलन मस्क के स्टार्ट-अप न्यूरालिंक ने कहा कि उसे अमेरिकी रेगुलेटर्स से लोगों में अपने मस्तिष्क प्रत्यारोपण का परीक्षण करने की मंजूरी मिल गई है। न्यूरालिंक का उद्देश्य इंसानी दिमाग को सीधे कंप्यूटर के साथ इंटरफेस कर देना है। न्यूरालिंक ने कहा कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से पहली बार इंसानों पर क्लिनिकल स्टडी की मंजूरी मिलना उसकी तकनीक के लिए एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। न्यूरालिंक ने ट्विटर पर कहा, हम यह बताने के लिए बहुत उत्साहित हैं कि हमें अपना पहला इन-ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए एफडीए की मंजूरी मिल गई है। यह एफडीए के साथ मिलकर न्यूरालिंक टीम की ओर से किए गए अविश्वसनीय काम का नतीजा है। न्यूरालिंक के मुताबिक क्लिनिकल ट्रायल के लिए भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। एलन मस्क ने दिसंबर में एक प्रजेंटेशन के दौरान कहा था कि न्यूरालिंक इम्प्लांट का उद्देश्य इंसानी दिमाग को कंप्यूटर के साथ सीधे कम्युनिकेशन करने में सक्षम बनाना है।मस्क ने कहा, हम अपने पहले ह्यूमन (इम्प्लांट) के लिए तैयार होने की कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
जाहिर है कि हम इंसानों में कोई डिवाइस डालने से पहले बेहद सावधान और स्पष्ट होना चाहते हैं कि यह अच्छी तरह काम करेगा। जुलाई 2019 में उन्होंने संकल्प लिया था कि न्यूरालिंक 2020 में इंसानों पर अपना पहला टेस्ट करने में सक्षम होगा। प्रोडक्ट प्रोटोटाइप एक सिक्के के आकार के होते हैं जिन्हें बंदरों की खोपड़ी में इम्प्लांट किया गया है। प्रजेंटेशन के दौरान कंपनी ने कई बंदरों को अपने न्यूरालिंक इम्प्लांट के माध्यम से कुछ बेसिक वीडियो गेम खेलते या स्क्रीन पर कर्सर ले जाते हुए दिखाया।
मस्क ने कहा कि कंपनी ऐसी क्षमताओं को खो चुके इंसानों में दोबारा गतिशीलता लाने के लिए प्रत्यारोपण का इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी।कार निर्माता कंपनी और स्पेस प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने पिछले साल ट्विटर भी खरीद लिया। वह अपनी कंपनियों को लेकर चौंकानेवाली भविष्यवाणी करते रहते हैं जो अक्सर गलत साबित हो जाती हैं।