झांसी । झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि युवाओं के ज्ञान और कौशल से वैश्विक नेतृत्व में भारत अग्रणी भूमिका निभाएगा। विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में दीक्षांत समारोह में 61854 उपाधियां दी गईं तथा शोध विद्यार्थियों ने सौ शोध उपाधियां प्राप्त कीं। इन सभी उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया। मेधावी विद्यार्थियों को 34 कुलाधिपति पदक प्रदान किए गए जिसमें 1 स्वर्ण, 15 रजत तथा 18 कांस्य पदक दिए गए। समारोह में 47 अन्य पदक भी दिये गए। समारोह में वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक नीलेश देसाई को डीएससी की मानद उपाधि भी दी गई।
राज्यपाल ने वर्चुअली विश्वविद्यालय परिसर में सेन्सेस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन, कैफेटेरिया व मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण एवं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पवेलियन एवं बाउण्ड्री वाल, का शिलान्यास किया। समारोह में विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा 111 आंगनवाड़ी किट वितरण तथा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय से आए 30 बच्चों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री दी गई। समारोह में विश्वविद्यालय की दीक्षान्त पत्रिका अनिमेष तथा अन्य पत्रिकाओं का विमोचन भी हुआ। पटेल ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह उनके जीवन का अहम मोड़ है जहां से उनका ज्ञान देश और समाज के लिए समर्पित होगा। उन्होंने आजादी के 75 साल बाद भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कार्यों के सम्पादन का उल्लेख करते हुए हाल ही में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने की विशेष चर्चा की। इस अधिनियम से लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने विद्यार्थियों से भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता के पीछे हमारे वैज्ञानिकों का वर्षों का परिश्रम है। शैक्षिक विकास में झांसी की उन्नति को लक्ष्य करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ताओं को जागरूक रहने और वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया।
विवि के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने विवि की एक वर्ष की उपलब्धियां की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की नई कहानी लिख रहा है। वर्तमान में बुंदेलखंड विवि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा छात्र-संकाय अनुपात और प्रतिष्ठा के मामले में तेजी से सुधार कर रहा है। वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालय में सर्वाधिक प्रवेश हुए हैं। नई शिक्षा नीति में इंट्रडिसीप्लिनरी, ट्रांसडिसीप्लिनरी, मल्टीप्ल डिसीप्लिनरी शिक्षा दी जा रही है। विश्वविद्यालय में टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर मीडिया लैब संचालित की जा रही है। 
समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष इण्डियन नेशनल साइंस अकादमी प्रो आशुतोष शर्मा ने कहा कि आत्मविश्वास उत्कृष्टता और सफलता की तरफ ले जाते हैं। शोधकर्ताओं में वैज्ञानिक सोच होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि जीवन को समृद्ध बनाने हेतु जोखिम लेने वाले बनें। भविष्य उनका है जो जीवन की विविधता को समझ कर उसका समुचित मूल्यांकन कर लाभ उठाते हैं। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डिग्रियां हासिल करने के बाद परिवार, समाज एवं देश के विकास में योगदान दें।