नई दिल्ली  दिल्ली में हुए किसान आंदोलन से देशभर में चर्चा में आए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के नेता राकेश टिकैत फिर फॉर्म में हैं। उन्होंने किसान मुद्दों के नाम पर एक बार फिर दिल्ली को घेरने का ऐलान किया है। यह घेराव वे अपने संगठन के बल पर खुद करेंगे और इसमें पंजाब के किसान संगठनों का कोई रोल नहीं होगा। टिकैत ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो केंद्र और यूपी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वे शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित संगठन की महापंचायत में बोल रहे थे। महापंचायत में बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि वे किसी भी कीमत पर किसानों के नलकूपों पर बिजली मीटर नहीं लगने देंगे और न ही 10 साल पुराने ट्रैक्टर बंद होने देंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि पीएसी तो क्या, आर्मी बुला लो लेकिन किसी भी किसान के यहां बिजली मीटर नहीं लगेगा। टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर किसानों का फाइटर जेट है और वे इसे किसी भी सूरत में बंद नहीं होने देंगे। सरकार चाहे तो उन पर मुकदमे दर्ज कर सकती है लेकिन वे इससे झुकने वाले नहीं हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि देश में जनता की नहीं बल्कि नागपुर की पॉलिसी चल रही है। गलत तरीके से भूमि अधिग्रहण करके किसानों की जमीनें छीनने की तैयारी की जा रही है। सरकार खेती पर बजट कम करती जा रही है और किसानों को एमएसपी - कर्ज न देने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के इन सब मुद्दों को लेकर अब एक बार फिर सड़कों पर उतरने का वक्त आ गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 20 मार्च से दिल्ली में फिर से किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसके लिए सभी किसानों को 20 साल तक की लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि गन्ने का दाम बढ़ाया जाना चाहिए। आवारा पशुओं को रोकने के इंतजाम किए जाएं। इन सब मुद्दों को लेकर अब देशभर के किसान एक बार फिर दिल्ली में अपनी आवाज उठाने के लिए निकलेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है और इसका दूसरा चरण 20 मार्च से शुरू होगा। किसानों को एमएसपी न मिलने तक यह लड़ाई जारी रहेगी। संगठन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि इस सरकार के एजेंडे में किसान कहीं हैं ही नहीं। सरकार ने 6 साल पहले किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन वह बढ़ने के बजाय पहले से और घट गई। सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। किसानों की जमीनें कुर्क करके की तैयारी हो रही है। अब सरकार ने 2047 तक देश को महाशक्ति बनाने का नया झुनझुना दे दिया है।