भोपाल । वर्तमान समय में शीत ऋतु में  शीतलहर की वजह से अनेक स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं को यदि समय से पूर्व पहचान कर बचाव कर लिया जाये तो इस प्राकृतिक विपदा का सामना किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने शीतलहर से बचाव के संबंध में आवश्यक सलाह जारी की है।
7 डिग्री और आज 8 डिग्री टेंपरेचर रहने के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विशेषकर बुजुर्गों बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा की विशेष आवश्यकता है। अत्यधिक ठंड के चलते स्ट्रोक का खतरा बना रहता है साथ ही हार्टअटैक के मामले भी सामने आते हैं। बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए सलाह दी है कि पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहें बाहर निकलते वक्त दस्तानें टोपी मफलर एवं जूते पहनें चुस्त कपड़े नहीं पहनें। यह रक्त संचार को कम करते हैं। इसलिए हल्के ढीले-ढाले कपड़े बाहर की ओर तथा ऊनी कपड़े अन्दर की ओर पहनें।
शीतलहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की आशंका होती है। जैसे- फ्लू सर्दी-जुकाम खांसी अल्पताप अवस्था के लक्षण जैसे सामान्य से कम शरीर का तापमान न रूकने वाली कंपकंपी याददाश्त चले जाना बेहोशी जबान का लडख़ड़ाना आदि। शीत ऋतु में जितना संभव हो घर के अंदर रहें। अति-आवश्यक होने पर ही बाहर की यात्रा करें। पर्याप्त मात्रा में पोषण तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें। शरीर की प्रतिरक्षा को बनाएं रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल एवं सब्जियां खायें।
रूम हीटर का उपयोग  संभालकर करें
अत्यधिक ठंड के समय दीर्घकालीन बीमारियों जैसे मधुमेह उच्च रक्तचाप श्वास संबंधित बीमारियों वाले मरीज वृध्द पुरुष-महिलायें जिनकी आयु 64 वर्ष से अधिक है 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को ऐसी स्थिति में विशेष सावधानी रखना चाहिये। अधिक ठंड पडऩे पर पर्याप्त वेंटीलेशन होने पर ही रूम हीटर का प्रयोग करें। अधिक ठंड पडऩे पर जहां तक संभव हो पालतू पशुओं को घर के अंदर ही रखें। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए रेडियो टी.वी. एवं समाचार पत्र द्वारा जारी की गई जानकारी का अनुसरण करें।