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वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन पर सख्ती के चलते अमेरिका में रहने वाले H-1B वीजा धारकों में घबराहट बढ़ती जा रही है। इस बीच एक तकनीकी कर्मचारी की सोशल मीडिया पोस्ट ने अप्रवासी प्रोफेशनल के बीच खलबली मचा दी है। कर्मचारी का कहना है कि वर्षों से कानूनी दर्जा होने और अमेरिकी इकनॉमी में योगदान देने के बावजूद अब उन्हें खुद पर खतरा महसूस हो रहा है। इसके पीछे प्रमुख कारण बीते सितम्बर महीने में ट्रंप का वो आदेश है, जिसमें नए एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों पर 100,000 डॉलर का आवेदन शुल्क लगाने का फैसला किया गया था।

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने शुल्क बढ़ाने को सही कदम बताया था और एच-1ब4 वीजा को सबसे अधिक दुरुपयोग किया जाने वाला इमिग्रेशन कार्यक्रम बताया था। इस बीच वायरल पोस्ट अमेरिका में रहने वाले भारतीयों का डर सामने लाती है। पोस्ट की शुरुआत में कहा गया, मुझे लगता है कि इस बार सब खत्म हो गया है। इस तथ्य के बावजूद कि हमने कड़ी मेहनत की है, कभी भी उस भेदभाव का पालन नहीं किया जिसका हम पर आरोप लगाया जाता है। अच्छे और ईमानदार इंसान बनने की कोशिश की है, लेकिन हमें निशाना बनाया जा रहा है।

पोस्ट में कहा गया है कि उन्होंने हमेशा नौकरी के उम्मीदवारों का मूल्यांकन योग्यता के आधार पर किया है और हर एक रेज्यूमे को ईमानदारी से जांचा है। पोस्ट के लेखक ने उन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है जो हाल के दिनों में एच-1बी वीजा धारकों के ऊपर सार्वजनिक रूप से लगाए जा रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख आरोप है कि एच-1बी वीजा अमेरिकी नागरिकों के साथ भेदभाव करता है

एच-1बी वीजा धारकों के लिए खतरा

पोस्ट में कहा गया कि एच-1बी को लेकर यह पागलपन खत्म नहीं होने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि ‘एच-1बी का स्वर्ण युग खत्म हो चुका है। हमें अभी से सामान पैक करना और योजना बनाना शुरू कर देना चाहिए।’ उनकी पोस्ट पर बड़ी संख्या में यूजर कमेंट कर रहे हैं और सहमति जता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, दुर्भाग्य से यह बात कभी खत्म नहीं होगी। धीरे-धीरे यह सवाल आम हो जाएगा कि इन ऊंचे वेतन वाली नौकरियों के लिए इतने सारे गैर-अमेरिकी नागरिकों को क्यों लिया जा रहा है

कंपनियों पर बढ़ेगा अमेरिकी लोगों का दबाव

कमेंट करने वाले यूजर ने कहा कि लोग शिकायत से आगे बढ़कर कंपनियों पर दबाव डालने लगेंगे। कंपनियां शुरुआत में हिचकिचाएंगी और बाद में या तो आउटसोर्सिंग करेंगी या मागों के आगे झुक जाएंगी। एक दूसरे यूजर ने कमेंट में लिखा, ‘समस्या बहुत सारे एच-1बी की है। इस कार्यक्रम को सालाना 5000 वीजा तक सीमित किया जाना चाहिए। केवल उच्च कुशल लोगों को ही H-1B मिलना चाहिए। इस समय में अमेरिका लगभग 20 लाख H-1B/H4 EAD काम कर रहे हैं।