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बाड़मेर के युवक और उसके परिवार को सिक्योरिटी एजेंसियों ने अटारी बॉर्डर से लौटा दिया। परिवार पाकिस्तान के अमरकोट शहर जाने के लिए निकला था।

दरअसल, जिले के इंद्रोई गांव के रहने वाले शैतान सिंह (25) की 30 अप्रैल को वहां शादी होनी थी, लेकिन पहलगाम अटैक (22 अप्रैल) के कारण बॉर्डर बंद हो गया।

शादी अब कब होगी, इसको लेकर परिवार चिंतित है। हालांकि, दूल्हे का कहना है कि सरकार ने जो भी निर्णय किया है वे उसके साथ हैं।

पिता और भाई के साथ शादी करने निकले थे

दूल्हे शैतान सिंह ने बताया कि उनकी 4 साल पहले सगाई पाकिस्तान के अमरकोट जिले की केसर कंवर (21) से हुई थी। बीते 3 साल से उनका परिवार वीजा के लिए कोशिश कर रहे थे।

काफी प्रयास के बाद इस साल 18 फरवरी उनका, पिता और भाई का वीजा क्लियर हुआ। वे तीनों 23 अप्रैल को वाघा-अटारी बॉर्डर के लिए रवाना हुए।

एक दिन बाद वहां पहुंचे, लेकिन 24 अप्रैल को बॉर्डर बंद हो गया। उनका वीजा 12 मई तक का है। इसलिए परिवार की अभी थोड़ी उम्मीद बाकी है।

आतंकियों ने गलत किया, सरकार का फैसला सही…

दूल्हे शैतान सिंह ने कहा- आतंकवादियों ने जो कुछ किया वह गलत किया। मेरी शादी थी, अब रुकावट हो गई। भारत सरकार ने फैसला लिया है तो यह सही फैसला है। आतंकवादियों की करतूत गलत है।

शैतान सिंह के चचेरे भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से हमारे रिश्तेदार भी आए हुए थे। इनके चार बेटे पाकिस्तान के कपासकोट में रहते हैं। एक बेटा और एक बेटी बाड़मेर (राजस्थान) में रहते हैं।

हम काफी हताश हैं। आतंकी घटना से काफी नुकसान होता है। रिश्ते खराब होते हैं। बॉर्डर पर आना-जाना बंद हो जाता है। आतंकवाद गलत है।

बॉर्डर के दोनों और है रिश्तेदारी

पाकिस्तान सिंध प्रांत में सोढ़ा राजपूतों की बड़ी आबादी है, जो गोत्र परंपरा को मानते हैं। वे समुदाय से बाहर शादी करने के लिए सरहद के इस पार के राजपूत युवाओं को वरीयता देते हैं।

इस इलाके में काफी परिवार ऐसे हैं जिनके रिश्तेदारी पाकिस्तान में भी है। फाइनेंस का काम करने वाले शैतान सिंह की भी शादी भी इस तरह रिश्तेदारी से तय हुई थी।