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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस शनिवार को भोपाल आएंगे। वे यहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय नियंत्रण मंडल की 28वीं बैठक में शामिल होंगे। इसी बैठक में ताप्ती नदी पर बुरहानपुर में प्रस्तावित विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंड वाटर रिचार्ज परियोजना ताप्ती बेसिन मेगा रीचार्ज के लिए दोनों राज्यों के बीच एमओयू साइन किया जाएगा।

बैठक में दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। 20 हजार करोड़ रुपए की इस परियोजना से ताप्ती नदी पर एक बांध बनाकर दोनों राज्यों में एक-एक नहर निकालकर नदी की धारा को तीन हिस्सों में बांट दिया जाएगा। मानसून के दौरान ताप्ती में आने वाली बाढ़ के अतिरिक्त पानी को अंडरग्राउंड वाटर स्टोरेज के रूप में तब्दील करने जमीन के नीचे उतारा जाएगा।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना में 31.13 टीएमसी पानी को वर्षभर उपयोग के लायक स्टोर कर डायवर्ट किया जा सकेगा। इसमें से 11.76 टीएमसी पानी मध्यप्रदेश को और 19.36 टीएमसी पानी महाराष्ट्र को मिलेगा।

चार चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट

  • खरिया गुटीघाट बांध : खंडवा जिले की खालवा तहसील और महाराष्ट्र के अमरावती के बीच यहां एक छोटा बांध (लो डायवर्सन वियर) बनाया जाएगा। जिसकी कुल जल भराव क्षमता 8.71 टीएमसी होगी। लागत 2546 करोड़ आएगी।
  • दाई तट नहर : खरिया गुटीघाट बां‌ध से ताप्ती नदी की मूल धार के दांई ओर 221 किमी लंबी नहर बनेगी। नहर 110 किमी मप्र की सीमा में और बाकी 111 किमी महाराष्ट्र में बनेगी। लागत आएगी 7889 करोड़।
  • बाई तट नहर प्रथम चरण : खरिया गुटीघाट बांध से बाएं ओर 135.64 किलोमीटर लंबी नहर निकाली जाएगी। जो 100.42 किलोमीटर मप्र में बनेगी। लागत आएगी 4425 करोड़ रुपए।
  • बाईं तट नहर द्वितीय चरण : यह बाईं तट नहर प्रथम चरण के बीच से बनेगी। जो 90.89 किमी लंबी होगी। लागत 3274 करोड़ होगी।
  • कनेक्टिंग कैनाल – दोनों बाईं तट नहरों के बीच में 14 किलोमीटर लंबी एक अंडरग्राउंड कनेक्टिंग टनल बनेगी। जिस पर 1110 करोड़ लागत आएगी।